Ischemic Colitis (आइस्कीमिक कोलाइटिस): कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

Ischemic Colitis (आइस्कीमिक कोलाइटिस) एक ऐसी स्थिति है जिसमें बड़ी आंत (Large Intestine या Colon) के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह (Blood Flow) में रुकावट आ जाती है, जिससे उस हिस्से में सूजन और क्षति (Inflammation and Damage) हो जाती है। यह एक आपातकालीन चिकित्सा स्थिति हो सकती है और समय पर इलाज जरूरी होता है।

Ischemic Colitis क्या होता है ? (What is Ischemic Colitis)

जब किसी कारणवश बड़ी आंत की रक्त आपूर्ति (Blood Supply to Colon) घट जाती है या रुक जाती है, तब आंत को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इससे ऊतक (Tissue) मरने लगते हैं और आंत में सूजन, दर्द व खून बहने की समस्या हो सकती है। यह आंतरिक आपात स्थिति (Intestinal Emergency) हो सकती है।

Ischemic Colitis के कारण (Causes of Ischemic Colitis)

  • धमनी में रुकावट (Blockage in Artery)
  • निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure)
  • हृदय रोग (Heart Disease)
  • स्ट्रोक (Stroke)
  • रक्त गाढ़ा होना (Blood Clotting Disorders)
  • सर्जरी के दौरान रक्त प्रवाह में कमी
  • कुछ दवाएं, जैसे vasoconstrictors या chemotherapy agents
  • बुढ़ापा (Old Age) – 60 वर्ष से ऊपर वालों में ज्यादा

Ischemic Colitis के लक्षण (Symptoms of Ischemic Colitis)

  • पेट के बाईं ओर अचानक दर्द (Sudden left-side abdominal pain)
  • खूनी दस्त (Bloody Stool)
  • दस्त या मल में श्लेष्मा (Mucus in Stool)
  • पेट में मरोड़ (Abdominal Cramps)
  • मतली या उल्टी (Nausea or Vomiting)
  • बुखार (Fever)
  • थकावट या कमजोरी (Fatigue or Weakness)
  • मल त्याग में बदलाव (Change in Bowel Habits)

Ischemic Colitis की पहचान (Diagnosis of Ischemic Colitis)

  • Colonoscopy (कोलोनोस्कोपी): बड़ी आंत का निरीक्षण
  • CT Scan या MRI Abdomen: आंत में सूजन या ब्लॉकेज की पुष्टि
  • Stool Test (मल परीक्षण): संक्रमण या रक्त का पता
  • Blood Tests: संक्रमण या एनीमिया की जाँच
  • Angiography (एंजियोग्राफी): रक्त प्रवाह की स्थिति देखने के लिए

Ischemic Colitis का इलाज (Treatment of Ischemic Colitis)

गैर-जटिल मामलों में:

  • पेट को आराम देना (Bowel rest – कुछ समय खाना बंद करना)
  • IV Fluids (शरीर में पानी की मात्रा संतुलित करने के लिए)
  • दर्द और सूजन के लिए दवाएं
  • एंटीबायोटिक्स यदि संक्रमण का खतरा हो

गंभीर मामलों में:

  • सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है (जैसे यदि कोई हिस्सा मर चुका हो)
  • कोलन का क्षतिग्रस्त हिस्सा निकालना (Colon Resection)

Ischemic Colitis से कैसे बचें (Prevention of Ischemic Colitis)

  • हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखें
  • रक्तचाप को नियंत्रित रखें
  • धूम्रपान और शराब से परहेज
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज
  • रक्त गाढ़ा होने से रोकने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन
  • कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को नज़रअंदाज़ न करें

Ischemic Colitis के घरेलू उपाय (Home Remedies for Ischemic Colitis)

ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल हल्के मामलों में सहायक हो सकते हैं और डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं अपनाने चाहिए।

  • तरल पदार्थ का अधिक सेवन (Hydration): डिहाइड्रेशन से बचाव
  • हल्का और सुपाच्य आहार (Light Digestible Diet): जैसे खिचड़ी, दलिया
  • पेट को आराम देना (Fasting for few hours with fluids)
  • दही और प्रोबायोटिक्स (Curd and Probiotics): पाचन में मदद
  • अदरक का पानी (Ginger Water): सूजन कम करने में सहायक

Ischemic Colitis में सावधानियाँ (Precautions in Ischemic Colitis)

  • दर्द और दस्त को हल्के में न लें
  • भारी भोजन, तली चीजों से बचें
  • रक्तचाप और हृदय रोग की नियमित जांच कराएं
  • किसी भी पेट की समस्या के लिए देरी न करें
  • संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें
  • डॉक्टर की अनुमति के बिना कोई दवा न लें

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1: क्या Ischemic Colitis जानलेवा हो सकती है?
उत्तर: हां, यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है।

प्रश्न 2: क्या यह बार-बार हो सकता है?
उत्तर: हां, यदि कारणों को ठीक से नहीं समझा या कंट्रोल नहीं किया गया तो पुनरावृत्ति संभव है।

प्रश्न 3: क्या यह बीमारी संक्रमण से होती है?
उत्तर: नहीं, यह मुख्य रूप से रक्त प्रवाह की समस्या के कारण होती है, न कि बैक्टीरिया या वायरस से।

प्रश्न 4: क्या आयु इसका एक जोखिम कारक है?
उत्तर: हां, अधिकतर मरीज 60 वर्ष से ऊपर के होते हैं।

प्रश्न 5: क्या पेट दर्द के साथ खून आना Ischemic Colitis का लक्षण है?
उत्तर: हां, यह इसका एक मुख्य लक्षण हो सकता है, विशेषकर बाईं ओर के पेट में दर्द।

निष्कर्ष (Conclusion)

Ischemic Colitis (आइस्कीमिक कोलाइटिस) एक गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थिति है जो समय पर पहचान और इलाज से ठीक की जा सकती है। यह बीमारी पेट दर्द और खूनी दस्त जैसे लक्षणों से शुरू होती है और अगर नजरअंदाज किया गया तो सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। इसलिए जैसे ही कोई लक्षण नजर आए, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। सही जीवनशैली और समय पर उपचार से इस बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है।



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