ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस (Breastfeeding Jaundice) नवजात शिशुओं में होने वाला एक सामान्य लेकिन अस्थायी पीलिया (Jaundice) है, जो स्तनपान (Breastfeeding) की शुरुआत के शुरुआती दिनों में होता है। यह शिशु के शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) नामक पदार्थ की अधिकता के कारण होता है, जो त्वचा और आंखों को पीला कर देता है।
यह स्थिति विशेष रूप से पहले सप्ताह में तब देखी जाती है जब शिशु को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं मिल पाता, जिससे बिलीरुबिन शरीर में जमा हो जाता है।
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस क्या होता है (What is Breastfeeding Jaundice):
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस तब होता है जब शिशु को स्तनपान कराने में देर हो या दूध की मात्रा कम मिले। इससे नवजात की आंतें बिलीरुबिन को ठीक से बाहर नहीं निकाल पातीं और यह खून में बढ़ने लगता है, जिससे पीलिया के लक्षण उत्पन्न होते हैं।
यह स्थिति ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) से अलग होती है, जो जीवन के दूसरे सप्ताह में शुरू होती है और स्तन के दूध में पाए जाने वाले कुछ तत्वों के कारण होती है।
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस के कारण (Causes of Breastfeeding Jaundice):
- शुरुआती दिनों में अपर्याप्त दूध की आपूर्ति (Insufficient Milk Intake)
- स्तनपान की खराब तकनीक (Poor Latching Technique)
- स्तनपान की अनियमितता (Infrequent Feeding)
- बच्चे का आलसी होकर दूध न पीना (Sleepy Baby)
- माँ का दूध देर से आना (Delayed Milk Production)
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस के लक्षण (Symptoms of Breastfeeding Jaundice):
- त्वचा का पीला पड़ना (Yellowing of Skin)
- आंखों की सफेद झिल्ली का पीला होना (Yellowing of the Whites of the Eyes)
- सुस्ती या अत्यधिक नींद (Lethargy or Excessive Sleepiness)
- दूध पीने में रुचि कम होना (Poor Feeding)
- वजन का न बढ़ना या गिरना (Lack of Weight Gain)
- पेशाब और मल की मात्रा कम होना (Decreased Urination and Stool Output)
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Breastfeeding Jaundice):
- शारीरिक जांच (Physical Examination) – त्वचा और आंखों का रंग देखना
- बिलीरुबिन टेस्ट (Bilirubin Test) – खून में बिलीरुबिन की मात्रा मापना
- समय की गणना (Age in Hours) – जन्म के समय से लेकर लक्षणों की शुरुआत तक की अवधि
- स्तनपान का मूल्यांकन (Breastfeeding Evaluation) – दूध पिलाने की स्थिति और मात्रा की जांच
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस का इलाज (Treatment of Breastfeeding Jaundice):
- स्तनपान की आवृत्ति बढ़ाना (Increase Frequency of Feeding) – हर 2-3 घंटे में दूध पिलाना
- सही तकनीक सिखाना (Correct Latching Techniques) – माँ को सही पोजिशन और पकड़ सिखाना
- ऑप्शनल फॉर्मूला सप्लीमेंट (Optional Formula Supplement) – जरूरत पड़ने पर सीमित समय तक
- फोटोज़ थेरेपी (Phototherapy) – विशेष नीली रोशनी से बिलीरुबिन को कम करना
- अस्पताल में निगरानी (Hospital Monitoring) – गंभीर मामलों में शिशु को भर्ती कर के निगरानी करना
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस कैसे रोके (How to Prevent Breastfeeding Jaundice):
- जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू कराना
- शुरुआती दिनों में 8-12 बार स्तनपान कराना
- माँ को स्तनपान के सही तरीके की शिक्षा देना
- नवजात के वजन और मूत्र-मल पर ध्यान रखना
- संदेह होने पर डॉक्टर से शीघ्र संपर्क करना
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस के घरेलू उपाय (Home Remedies for Breastfeeding Jaundice):
नोट: घरेलू उपाय केवल हल्के मामलों में सहायक हो सकते हैं। गंभीर लक्षणों में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
- धूप स्नान (Sunlight Exposure) – शिशु को हल्की सुबह की धूप में 10-15 मिनट रखना
- नियमित स्तनपान (Frequent Breastfeeding) – दूध से बिलीरुबिन का उत्सर्जन बढ़ता है
- हाइड्रेशन बनाए रखें (Hydration) – माँ खूब पानी पिए जिससे दूध पर्याप्त बने
- स्तन की मालिश (Breast Massage) – दूध की सप्लाई बढ़ाने में सहायक
- आरामदायक वातावरण (Calm Environment) – जिससे शिशु बेहतर ढंग से दूध पी सके
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस में सावधानियाँ (Precautions in Breastfeeding Jaundice):
- बच्चे की त्वचा और आंखों के रंग पर नजर रखें
- दूध पीने के बाद बच्चे के मूत्र और मल की संख्या पर ध्यान दें
- बिलीरुबिन का स्तर बढ़े तो घरेलू इलाज पर निर्भर न रहें
- डॉक्टर की सलाह के बिना फॉर्मूला दूध शुरू न करें
- माँ को सही पोषण और पर्याप्त आराम मिलना चाहिए
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
Q1. क्या ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस खतरनाक होता है?
अधिकतर मामलों में यह हल्का और अस्थायी होता है, लेकिन समय पर ध्यान न देने पर यह गंभीर हो सकता है।
Q2. क्या ब्रेस्टफीडिंग बंद करनी चाहिए?
नहीं, बल्कि बार-बार और सही तरीके से स्तनपान कराना ही सबसे जरूरी इलाज है।
Q3. ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस और ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस में क्या फर्क है?
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस दूध की कमी से होता है जबकि ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस दूध की गुणवत्ता के कारण।
Q4. कितने दिनों में ठीक हो जाता है?
सामान्यतः 1 से 2 हफ्तों में खुद ही ठीक हो जाता है यदि शिशु पर्याप्त दूध पी रहा हो।
Q5. क्या यह दोबारा हो सकता है?
यदि स्तनपान की समस्याएं बनी रहीं तो यह फिर हो सकता है, लेकिन सही देखभाल से रोका जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस एक आम और सामान्य स्थिति है जो नवजात शिशुओं में देखी जाती है। यह अधिकतर मामलों में सही स्तनपान तकनीक और निगरानी से अपने आप ठीक हो जाती है। माँ को सही जानकारी, धैर्य और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ताकि शिशु को आवश्यक पोषण समय पर मिल सके। यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना आवश्यक है।