Central Serous Chorioretinopathy (CSC) या सेंट्रल सीरस कोरियोरेटिनोपैथी एक रेटिना संबंधी नेत्र रोग है, जिसमें रेटिना की सबसे अंदरूनी परत के नीचे तरल जमा हो जाता है। यह तरल आंख की दृष्टि को प्रभावित करता है और व्यक्ति को धुंधला दिखाई देना, केंद्र में अंधेरा धब्बा, या सीधी रेखाएं टेढ़ी दिखने जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
यह आमतौर पर 20 से 50 वर्ष की उम्र के पुरुषों में अधिक होता है और तनाव से संबंधित माना जाता है।
Central Serous Chorioretinopathy यह क्या होता है? (What is Central Serous Chorioretinopathy?)
CSC में रेटिना (Retina) और रेटिनल पिगमेंट एपिथीलियम (RPE) के बीच तरल (fluid) जमा हो जाता है। यह तरल एक छोटे रिसाव (leakage) के कारण होता है, जो कि कोरॉयड (Choroid) नामक रक्त वाहिकाओं की परत से निकलता है।
इससे रेटिना का एक भाग ऊपर उठ जाता है और दृष्टि विकृत हो जाती है।
Central Serous Chorioretinopathy कारण (Causes of Central Serous Chorioretinopathy)
- तनाव (Stress) – सबसे आम कारण
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का अधिक सेवन
- नींद की कमी (Sleep deprivation)
- हार्मोनल बदलाव (जैसे Cortisol levels का बढ़ना)
- Hypertension (उच्च रक्तचाप)
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- प्रेगनेंसी (कभी-कभी)
- Cushing's syndrome
- Personality type A – ज्यादा चिंतित, महत्वाकांक्षी, प्रतिस्पर्धी व्यक्ति
Central Serous Chorioretinopathy के लक्षण (Symptoms of CSC)
- एक आंख से धुंधला दिखाई देना
- केंद्र में काला या धुंधला धब्बा
- वस्तुएं छोटी या दूर लगना (Micropsia)
- सीधी रेखाएं टेढ़ी दिखना (Metamorphopsia)
- रंग फीके या धुंधले लगना
- रात की दृष्टि कमजोर होना
- पढ़ते समय शब्दों का गायब हो जाना
अधिकतर मामलों में एक ही आंख प्रभावित होती है, लेकिन कुछ मामलों में दोनों भी हो सकती हैं।
Central Serous Chorioretinopathy कैसे पहचाने? (Diagnosis of CSC)
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नेत्र परीक्षण (Eye exam)
- Visual acuity, Amsler grid test
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OCT (Optical Coherence Tomography)
- रेटिना के नीचे तरल को स्पष्ट रूप से दिखाता है
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Fluorescein Angiography (FA)
- लीक होने वाले स्थान को दिखाता है
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Indocyanine Green Angiography (ICG)
- गहराई से कोरॉयडल रक्तवाहिकाओं की जांच
Central Serous Chorioretinopathy इलाज (Treatment of Central Serous Chorioretinopathy)
✅ अधिकतर मामलों में CSC स्वतः ठीक हो जाता है (1–3 महीनों में), लेकिन कुछ मामलों में इलाज जरूरी होता है:
1. Observation (निगरानी)
- यदि तरल बहुत कम है और लक्षण हल्के हैं, तो 1–3 महीनों में अपने आप ठीक हो सकता है
2. लेज़र थेरेपी (Laser Photocoagulation)
- लीक होने वाले बिंदु को बंद करने के लिए लेज़र
3. Photodynamic Therapy (PDT)
- Visudyne दवा के साथ किया जाता है, क्रॉनिक या बार-बार होने वाले मामलों में उपयोगी
4. Anti-VEGF Injections
- कुछ मामलों में रेटिना की सूजन कम करने के लिए
5. दवाएं
- Mineralocorticoid receptor antagonists (जैसे Eplerenone, Spironolactone)
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- तनाव कम करने की तकनीक अपनाएं (योग, प्राणायाम, मेडिटेशन)
- नींद पूरी करें (7–8 घंटे रोजाना)
- स्क्रीन टाइम सीमित करें
- कॉफी, शराब और धूम्रपान से बचें
- आंखों को आराम दें – 20-20-20 नियम (हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)
सावधानियाँ (Precautions)
- बिना सलाह के स्टेरॉयड दवाओं का सेवन न करें
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें
- आंखों में हल्की समस्या को भी नज़रअंदाज न करें
- बार-बार CSC होने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें
रोकथाम (Prevention)
- तनाव से बचाव – नियमित योग और ध्यान
- स्टेरॉयड का सीमित उपयोग और केवल डॉक्टर की सलाह पर
- नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
- नियमित नेत्र परीक्षण कराते रहें (विशेषकर यदि पहले CSC हो चुका हो)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Central Serous Chorioretinopathy हमेशा ठीक हो जाती है?
उत्तर: हां, अधिकांश मामलों में यह 1–3 महीने में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन बार-बार होने वाले या लंबे समय तक रहने वाले मामलों में इलाज की जरूरत होती है।
प्रश्न 2: क्या CSC दोनों आंखों में हो सकती है?
उत्तर: हां, लेकिन यह आमतौर पर पहले एक आंख को प्रभावित करती है। दूसरे में भी हो सकती है।
प्रश्न 3: क्या यह अंधापन का कारण बन सकता है?
उत्तर: नहीं, लेकिन यदि यह बार-बार या लंबे समय तक हो तो स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है।
प्रश्न 4: क्या यह एक बार होने के बाद दोबारा हो सकता है?
उत्तर: हां, यह recurrent condition है। तनाव और स्टेरॉयड इसके दोबारा होने की संभावना बढ़ाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
Central Serous Chorioretinopathy (CSC) एक आम लेकिन नजरअंदाज किया गया नेत्र रोग है, जो तनाव और हार्मोनल बदलावों से जुड़ा होता है। हालांकि यह अधिकतर मामलों में खुद ठीक हो जाती है, लेकिन बार-बार होने या गंभीर मामलों में इलाज जरूरी होता है। यदि आपको धुंधली दृष्टि, टेढ़ी रेखाएं या केंद्र में धब्बा दिखता है, तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।