Copper Storage Disease कारण, लक्षण, इलाज, बचाव और घरेलू उपचार की सम्पूर्ण जानकारी

Copper Storage Disease जिसे हिंदी में तांबा संचय रोग कहा जाता है, एक दुर्लभ लेकिन गंभीर विरासत में मिलने वाली यकृत विकृति (genetic liver disorder) है। इसमें शरीर विशेष रूप से यकृत (liver) में अत्यधिक मात्रा में तांबा (Copper) जमा कर लेता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बीमारी कुत्तों और मनुष्यों दोनों में पाई जाती है, लेकिन यह लेख मानव शरीर के लिए केंद्रित है।









Copper Storage Disease क्या होता है (What is Copper Storage Disease)?

Copper Storage Disease में शरीर तांबे को सही तरीके से प्रोसेस और बाहर निकाल नहीं पाता, जिससे यह यकृत (liver) में जमा होने लगता है। समय के साथ, यह तांबा यकृत की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हेपेटाइटिस, सिरोसिस (cirrhosis) या लिवर फेलियर (liver failure) जैसी स्थितियां हो सकती हैं।

Copper Storage Disease कारण (Causes of Copper Storage Disease):

  1. आनुवंशिक (Genetic mutation) – ATP7B जीन में विकृति के कारण।
  2. विल्सन रोग (Wilson’s Disease) – मानवों में कॉपर स्टोरेज डिजीज का सबसे सामान्य रूप।
  3. यकृत की पहले से मौजूद समस्याएं – जिससे तांबे का उत्सर्जन बाधित हो सकता है।
  4. कॉपर युक्त खाद्य या पानी का अत्यधिक सेवन (rare cases)।

Copper Storage Disease के लक्षण (Symptoms of Copper Storage Disease):

  1. थकान (Fatigue)
  2. पेट में सूजन या दर्द (Abdominal swelling or pain)
  3. त्वचा और आंखों का पीलापन (Jaundice)
  4. मतली और उल्टी (Nausea and vomiting)
  5. भूख कम लगना (Loss of appetite)
  6. मानसिक भ्रम या व्यवहार में बदलाव (Neurological symptoms)
  7. हाथों में कांपना (Tremors)
  8. शरीर में द्रव जमाव (Fluid retention in legs or abdomen)
  9. लिवर फेलियर के लक्षण (Advanced stages)

Copper Storage Disease कैसे पहचाने (Diagnosis of Copper Storage Disease):

  1. ब्लड टेस्ट (Serum Ceruloplasmin test)
  2. 24-घंटे यूरिन कॉपर लेवल जांच (Urinary copper excretion)
  3. लिवर बायोप्सी (Liver biopsy)
  4. जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic testing – ATP7B gene mutation)
  5. आई एच सी (Immunohistochemistry) से कॉपर डिटेक्शन

Copper Storage Disease इलाज (Treatment of Copper Storage Disease):

  1. Chelation Therapy – जैसे कि D-penicillamine या Trientine, जो शरीर से तांबा निकालने में मदद करते हैं।
  2. जिंक सप्लीमेंट्स (Zinc Acetate) – जो आंतों में कॉपर के अवशोषण को रोकते हैं।
  3. कॉपर रहित आहार (Copper-restricted diet)
  4. लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) – यदि स्थिति गंभीर हो।
  5. नियमित चिकित्सा निगरानी – लिवर कार्य और कॉपर स्तर की जांच के लिए।

कैसे रोके (Prevention):

  1. परिवार में इतिहास हो तो जेनेटिक काउंसलिंग लें।
  2. नवजात या युवावस्था में जांच करवाएं अगर संदेह हो।
  3. कॉपर युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें।
  4. लंबे समय तक लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं से बचाव करें।

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  1. कॉपर की मात्रा कम रखने वाला आहार लें, जैसे –
    1. बिना कॉपर के मिनरल वॉटर
    1. गोभी, केला, चावल, सेब
  2. कॉपर युक्त बर्तन में खाना या पानी न रखें।
  3. ग्रीन टी और तुलसी – लिवर को सपोर्ट करने में सहायक हो सकते हैं।
  4. हल्दी और आंवला – सूजन और लिवर को डिटॉक्स में उपयोगी हो सकते हैं (डॉक्टर की सलाह के साथ)।

सावधानियाँ (Precautions):

  1. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा समय पर लें।
  2. लिवर फंक्शन टेस्ट नियमित करवाएं।
  3. अनुमानित तांबा युक्त फूड आइटम से परहेज़ करें।
  4. प्रेग्नेंसी की योजना से पहले जेनेटिक सलाह लें।
  5. लंबे समय तक बिना जांच के कोई सप्लीमेंट न लें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

प्रश्न 1: क्या Copper Storage Disease ठीक हो सकती है?
उत्तर: पूरी तरह नहीं, लेकिन इसका प्रबंधन जीवनभर दवाओं और डाइट से किया जा सकता है।

प्रश्न 2: क्या यह रोग अनुवांशिक होता है?
उत्तर: हाँ, यह मुख्य रूप से एक जेनेटिक बीमारी होती है, विशेष रूप से Wilson's Disease के रूप में।

प्रश्न 3: कौन-से खाद्य पदार्थ से परहेज़ करना चाहिए?
उत्तर: सीप, नट्स, चॉकलेट, मशरूम, और लीवर (ऑर्गन मीट) में कॉपर अधिक होता है, इनसे बचें।

प्रश्न 4: क्या बच्चों को भी यह रोग हो सकता है?
उत्तर: हाँ, बच्चों में भी यह आनुवंशिक रूप से प्रकट हो सकता है और लक्षण किशोरावस्था से शुरू हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

Copper Storage Disease एक गंभीर लेकिन नियंत्रण योग्य बीमारी है। जल्दी निदान और उचित उपचार से लिवर की क्षति को रोका जा सकता है। सही जानकारी, संतुलित आहार और नियमित चिकित्सा देखभाल से रोगी एक सामान्य जीवन जी सकता है। यदि परिवार में इस रोग का इतिहास है, तो जल्द जांच कराना और सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।


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