Corneal Dystrophy (कॉर्नियल डिस्ट्रॉफी) आंखों की एक आनुवंशिक स्थिति है जिसमें कॉर्निया (Cornea) की पारदर्शिता धीरे-धीरे कम होने लगती है। यह रोग सामान्यतः दोनों आंखों को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे दृष्टि पर असर डालता है। यह स्थिति आंख की पारदर्शी परत (cornea) में असामान्य प्रोटीन जमा होने के कारण होती है जिससे धुंधलापन, रोशनी में चकाचौंध और दृष्टि कमजोर हो सकती है।
Corneal Dystrophy क्या होता है ? (What is Corneal Dystrophy?)
कॉर्नियल डिस्ट्रॉफी एक धीरे प्रगति करने वाली और आमतौर पर दर्दरहित बीमारी है जिसमें कॉर्निया की किसी एक या अधिक परतों में जमा पदार्थ आंख की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। यह कोई संक्रमण नहीं होता, और आमतौर पर बिना किसी बाहरी कारण के विकसित होता है।
Corneal Dystrophy प्रकार (Types of Corneal Dystrophy)
- Epithelial Basement Membrane Dystrophy (EBMD)
- Fuchs’ Endothelial Dystrophy
- Lattice Corneal Dystrophy
- Granular Corneal Dystrophy
- Macular Corneal Dystrophy
- Meesmann Corneal Dystrophy
- Gelatinous Drop-like Corneal Dystrophy
हर प्रकार अलग-अलग परत को प्रभावित करता है और अलग लक्षण दिखा सकता है।
Corneal Dystrophy कारण (Causes)
- आनुवंशिक (Genetic mutation) – यह रोग अक्सर माता-पिता से बच्चों में आता है
- Autosomal Dominant Inheritance – अगर माता या पिता को है तो बच्चे में होने की संभावना
- प्रोटीन या पदार्थों का असामान्य जमाव
- कोई बाहरी कारण नहीं होता (No trauma/infection involved)
Corneal Dystrophy लक्षण (Symptoms)
लक्षण रोग के प्रकार और प्रगति पर निर्भर करते हैं:
- आंखों में धुंधलापन या धुंधली दृष्टि
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (Photophobia)
- दृष्टि में उतार-चढ़ाव – खासकर सुबह
- आंखों में जलन या खराश
- कभी-कभी तेज़ दर्द (Recurrent Corneal Erosion की स्थिति में)
- कॉन्टेक्ट लेंस पहनने में परेशानी
- समय के साथ आंख की पारदर्शिता घटती जाती है
निदान (Diagnosis)
- स्लिट लैम्प एग्ज़ामिनेशन (Slit-lamp exam)
- कॉर्निया में असामान्य जमाव की पहचान
- Corneal Topography
- कॉर्निया की सतह और आकार की मैपिंग
- Pachymetry (कॉर्नियल मोटाई जांच)
- Genetic Testing (आवश्यक हो तो)
- Visual Acuity Test – दृष्टि में कमी का आकलन
Corneal Dystrophy इलाज (Treatment)
कॉर्नियल डिस्ट्रॉफी का इलाज उसके प्रकार और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है:
हल्के मामलों में:
- लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स – सूखापन और जलन से राहत
- Hypertonic Saline Drops/Ointment – सूजन कम करने के लिए
- Contact lenses – कभी-कभी अस्थायी सुधार
गंभीर मामलों में:
- Anterior Stromal Puncture (ASP) – दर्द से राहत
- Phototherapeutic Keratectomy (PTK) – लेजर से क्षतिग्रस्त ऊतक हटाना
- Corneal Transplant (Penetrating Keratoplasty या DSAEK) – जब दृष्टि बहुत खराब हो जाए
घरेलू देखभाल (Home Care)
- आंखों में बार-बार आई ड्रॉप डालें (जैसा डॉक्टर बताएं)
- धूल, धूप और प्रदूषण से आंखों की सुरक्षा करें
- आंखों को रगड़ने से बचें
- यदि कॉर्निया में जलन या दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
- चश्मा नियमित रूप से पहनें
सावधानियाँ (Precautions)
- पारिवारिक इतिहास होने पर बच्चों की आंखों की नियमित जांच कराएं
- लक्षण दिखते ही नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें
- खुद से कोई दवा या आई ड्रॉप न डालें
- आई इन्फेक्शन से बचाव करें – साफ-सफाई रखें
- कॉन्टेक्ट लेंस डॉक्टर की सलाह पर ही प्रयोग करें
Corneal Dystrophy (Prevention)
कॉर्नियल डिस्ट्रॉफी का सीधा रोकथाम संभव नहीं है क्योंकि यह आनुवंशिक होता है, लेकिन:
- जेनेटिक काउंसलिंग परिवार में इतिहास हो तो
- नियमित नेत्र जांच (विशेष रूप से 30 वर्ष की उम्र के बाद)
- लक्षण दिखने पर शीघ्र निदान
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या यह रोग संक्रामक है?
उत्तर: नहीं, यह आनुवंशिक होता है और किसी को नहीं फैलता।
प्रश्न 2: क्या इससे अंधापन हो सकता है?
उत्तर: कुछ गंभीर मामलों में, यदि इलाज न किया जाए, तो दृष्टि में भारी गिरावट या अंधापन हो सकता है।
प्रश्न 3: क्या इसका इलाज संभव है?
उत्तर: जी हां, लक्षणों की गंभीरता के अनुसार ड्रॉप्स, लेजर या कॉर्नियल ट्रांसप्लांट से इलाज किया जा सकता है।
प्रश्न 4: क्या यह दोनों आंखों में होता है?
उत्तर: हां, अधिकतर मामलों में यह दोनों आंखों को प्रभावित करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Corneal Dystrophy (कॉर्नियल डिस्ट्रॉफी) एक धीमी प्रगति वाली, लेकिन गंभीर आंखों की बीमारी है जो दृष्टि को प्रभावित कर सकती है। यह आनुवंशिक होता है और इसका इलाज उपलब्ध है। लक्षण दिखते ही नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेना और नियमित जांच कराना बेहद ज़रूरी है ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके और दृष्टि को सुरक्षित रखा जा सके।