Corneal Neovascularization (कॉर्नियल नियोवैस्कुलराइजेशन) एक ऐसी स्थिति है जिसमें सामान्यतः पारदर्शी रहने वाली कॉर्निया (आंख की बाहरी परत) में नए रक्त वाहिकाएं (blood vessels) बन जाती हैं। ये रक्तवाहिकाएं कॉर्निया की पारदर्शिता को बिगाड़ती हैं, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है या स्थायी दृष्टि क्षति हो सकती है।
यह स्थिति आमतौर पर लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी, संक्रमण या कॉन्टेक्ट लेंस का अनुचित उपयोग के कारण उत्पन्न होती है।
Corneal Neovascularization क्या होता है ? (What is Corneal Neovascularization?)
सामान्य रूप से कॉर्निया में कोई रक्त वाहिका नहीं होती, जिससे यह पारदर्शी रहता है और प्रकाश आंख के अंदर स्पष्ट रूप से प्रवेश कर पाता है। लेकिन जब किसी कारणवश आंख को ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो शरीर प्रतिक्रिया स्वरूप कॉर्निया में नई रक्तवाहिकाएं बनाने लगता है। ये नसें दृष्टि को प्रभावित करती हैं और आगे चलकर आंख में सूजन, धुंधलापन या अंधापन तक हो सकता है।
Corneal Neovascularization कारण (Causes)
- लंबे समय तक और गलत तरीके से कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल
- नेत्र संक्रमण – जैसे ट्रेकोमा, हर्पीज़ सिम्प्लेक्स
- नेत्र चोट (Eye trauma)
- अस्थायी या स्थायी कॉर्नियल सूजन (Keratitis)
- शल्य चिकित्सा के बाद की जटिलताएं
- ऑटोइम्यून रोग – जैसे स्टेफन-जॉनसन सिंड्रोम
- क्लॉक-क्लोजर या इस्केमिक ग्लूकोमा
Corneal Neovascularization लक्षण (Symptoms)
- धुंधली दृष्टि (Blurry vision)
- आंखों में लालिमा
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (Photophobia)
- आंखों में जलन या चुभन
- कॉन्टेक्ट लेंस पहनने में परेशानी
- कभी-कभी आंखों में दर्द या भारीपन
- उन्नत अवस्था में – कॉर्निया पर नसें स्पष्ट दिखाई देना
निदान (Diagnosis)
- Slit-Lamp Examination – कॉर्निया की सतह पर रक्तवाहिकाओं की उपस्थिति देखना
- Fluorescein Angiography – रक्त प्रवाह का परीक्षण
- Anterior Segment OCT – रक्त वाहिकाओं की गहराई जानने के लिए
- Visual Acuity Test – दृष्टि की जांच
- Contact Lens History और उपयोग की जांच
Corneal Neovascularization इलाज (Treatment)
इलाज की रणनीति इस पर निर्भर करती है कि समस्या कितनी गंभीर है:
1. रोकथाम (Prevention-Oriented):
- कॉन्टेक्ट लेंस का सीमित और सही उपयोग
- अधिक ऑक्सीजन प्रवाह वाले लेंस का प्रयोग
2. औषधीय इलाज (Medical Treatment):
- Corticosteroid Eye Drops – सूजन और वेस्कुलर ग्रोथ को कम करने के लिए
- Anti-VEGF Injections (Bevacizumab, Ranibizumab) – नई रक्तवाहिकाओं को रोकने के लिए
- Topical Immunosuppressants – जैसे Cyclosporine, Tacrolimus
3. लेज़र थेरेपी या सर्जरी:
- Argon Laser Photocoagulation – नई रक्तवाहिकाओं को जलाने के लिए
- Fine-Needle Diathermy (FND)
- Corneal Transplant (Penetrating Keratoplasty) – बहुत गंभीर मामलों में
घरेलू देखभाल (Home Care Tips)
- रोजाना आंखों की सफाई करें
- कॉन्टेक्ट लेंस को समय से हटाएं और अच्छी तरह स्टेराइल करें
- कॉन्टेक्ट लेंस पहनते समय आंखों को ड्राई न होने दें – लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स का उपयोग करें
- धूल, धूप और प्रदूषण से आंखों की सुरक्षा करें
- डॉक्टर द्वारा बताए गए आई ड्रॉप्स समय से लगाएं
सावधानियाँ (Precautions)
- लेंस को लंबे समय तक पहनने से बचें (सोते समय बिल्कुल नहीं)
- आँखों को बार-बार न रगड़ें
- कॉन्टेक्ट लेंस उपयोग से पहले नेत्र विशेषज्ञ की सलाह लें
- आंखों में लालिमा या असहजता हो तो तुरंत लेंस हटाएं और डॉक्टर से मिलें
- लेंस का सही आकार, प्रकार और ब्रांड ही चुनें
रोकथाम (Prevention)
- केवल नेत्र विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग करें
- नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं
- लेंस पहनने के समय को सीमित करें
- बिना ज़रूरत कॉस्मेटिक या सस्ते कॉन्टेक्ट लेंस से बचें
- आंखों में संक्रमण या जलन होने पर लेंस का उपयोग बंद कर दें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Corneal Neovascularization से अंधापन हो सकता है?
उत्तर: यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह स्थायी दृष्टि हानि या अंधापन का कारण बन सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह स्थिति स्थायी होती है?
उत्तर: नहीं, प्रारंभिक अवस्था में इसका इलाज संभव है। परंतु गंभीर मामलों में स्थायी क्षति हो सकती है।
प्रश्न 3: क्या कॉन्टेक्ट लेंस इसका प्रमुख कारण है?
उत्तर: हां, लंबे समय तक और अनुचित रूप से उपयोग किए गए कॉन्टेक्ट लेंस इस रोग का एक आम कारण हैं।
प्रश्न 4: क्या लेज़र ट्रीटमेंट सुरक्षित है?
उत्तर: योग्य नेत्र विशेषज्ञ द्वारा किया गया लेज़र ट्रीटमेंट प्रभावी और अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Corneal Neovascularization (कॉर्नियल नियोवैस्कुलराइजेशन) आंख की पारदर्शिता और दृष्टि के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है, खासकर यदि समय रहते इसका निदान और उपचार न किया जाए। यह स्थिति मुख्यतः ऑक्सीजन की कमी या कॉन्टेक्ट लेंस के दुरुपयोग से होती है। नियमित नेत्र जांच, उचित लेंस उपयोग और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लेकर इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।