Cystinuria (सिस्टिन्यूरिया) एक आनुवंशिक विकार (genetic disorder) है, जिसमें शरीर की किडनी और आंतें सिस्टीन (Cystine) नामक अमीनो एसिड को ठीक से अवशोषित नहीं कर पातीं। इसका परिणाम यह होता है कि पेशाब में अधिक मात्रा में सिस्टीन निकलता है, जो घुल नहीं पाता और धीरे-धीरे गुर्दे की पथरी (kidney stones) का रूप ले लेता है।
यह एक दुर्लभ बीमारी है लेकिन यह बार-बार होने वाली किडनी स्टोन की प्रमुख आनुवंशिक वजहों में से एक है।
Cystinuria क्या होता है ? (What is Cystinuria?)
सिस्टिन्यूरिया में शरीर के फिल्ट्रेशन सिस्टम (विशेषकर किडनी) सिस्टीन और अन्य अमीनो एसिड को दोबारा अवशोषित करने में विफल हो जाते हैं। जब पेशाब में अधिक मात्रा में सिस्टीन जमा होता है और वह पानी में नहीं घुलता, तो वह धीरे-धीरे क्रिस्टल्स और फिर पथरी में बदल जाता है।
यह रोग जीवनभर बना रह सकता है और अक्सर किशोरावस्था या युवा अवस्था में पहली बार पथरी बनती है।
Cystinuria कारण (Causes)
- आनुवंशिक दोष (Genetic Mutation):
- SLC3A1 या SLC7A9 जीन में विकृति
- ऑटोसोमल रिसेसिव इनहेरिटेंस:
- माता-पिता दोनों से दोषपूर्ण जीन मिलने पर रोग विकसित होता है
- यह रोग एक परिवार में कई पीढ़ियों में पाया जा सकता है
Cystinuria लक्षण (Symptoms)
Cystinuria के लक्षण तब दिखते हैं जब सिस्टीन से किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) बनने लगती है:
- पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द (flank pain)
- पेशाब करते समय दर्द या जलन
- पेशाब में खून आना (Hematuria)
- बार-बार पेशाब आना
- मतली और उल्टी
- बार-बार गुर्दे की पथरी बनना
- बच्चों में: पेशाब में झाग, कम वजन बढ़ना, बार-बार रोना
कुछ मामलों में पथरी बिना लक्षण के भी विकसित हो सकती है।
निदान (Diagnosis)
- यूरीन एनालिसिस (Urine Test):
- पेशाब में सिस्टीन की मात्रा की जांच
- सिस्टीन क्रिस्टल की पहचान:
- माइक्रोस्कोप के ज़रिये पेशाब में क्रिस्टल देखे जाते हैं
- 24-Hour Urine Test:
- दिनभर में निकले सिस्टीन की मात्रा मापी जाती है
- ब्लड टेस्ट:
- गुर्दों की कार्यक्षमता की जांच
- इमेजिंग टेस्ट (Ultrasound / CT Scan):
- स्टोन की स्थिति और आकार की जानकारी
- Genetic Testing:
- पुष्टि करने के लिए किया जाता है
Cystinuria इलाज (Treatment)
Cystinuria का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने और स्टोन बनने से रोकने के उपाय मौजूद हैं।
1. Fluid Intake (तरल पदार्थ का अधिक सेवन):
- प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी पीना
- रात में भी पानी पीने की सलाह दी जाती है
- पेशाब को dilute करने के लिए जरूरी
2. Dietary Modifications (खान-पान में बदलाव):
- नमक (Sodium) का सेवन कम करें
- प्रोटीन का सेवन सीमित करें, विशेषकर जानवरों से प्राप्त प्रोटीन
- विटामिन C और D का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें
3. दवाएं (Medications):
- Potassium Citrate / Sodium Bicarbonate – पेशाब का pH बढ़ाने के लिए
- Tiopronin या D-penicillamine – सिस्टीन को घुलनशील बनाने के लिए
- Thiazide Diuretics – कुछ मामलों में उपयोगी
4. Stone Removal (पथरी का इलाज):
- ESWL (Shock Wave Lithotripsy)
- Ureteroscopy
- Percutaneous Nephrolithotomy (PCNL) – बड़े स्टोन्स के लिए
घरेलू उपाय (Home Remedies)
घरेलू उपाय केवल सहायक भूमिका में होते हैं, इनसे स्टोन को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता।
- नींबू पानी और नारियल पानी का सेवन
- ज्यादा पानी पीना – कम से कम हर 1 घंटे में
- डाइट में सब्जियां और फलों का शामिल करना
- नमक और प्रोटीन सीमित करना
- नियमित रूप से पेशाब रोकने से बचना
सावधानियाँ (Precautions)
- खुद से कोई सप्लीमेंट या प्रोटीन पाउडर न लें
- डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) से बचें
- नियमित रूप से पेशाब की जांच कराएं
- यदि बार-बार पथरी बन रही हो तो फॉलो-अप न छोड़ें
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है
रोकथाम (Prevention)
- रोज़ाना 3-4 लीटर पानी पीने की आदत डालें
- नमक और प्रोटीन का सेवन सीमित रखें
- दवाएं समय पर लें
- हर 6–12 महीने में यूरिन और इमेजिंग टेस्ट कराएं
- परिवार में इतिहास हो तो बच्चों की स्क्रीनिंग कराएं
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Cystinuria पूरी तरह ठीक हो सकती है?
उत्तर: यह एक जीवनभर रहने वाली स्थिति है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह बच्चों में भी हो सकता है?
उत्तर: हां, यह जन्मजात होता है और बच्चों में जल्दी पहचान की जा सकती है।
प्रश्न 3: क्या इसका इलाज सर्जरी से संभव है?
उत्तर: केवल स्टोन निकालने के लिए सर्जरी की जाती है, रोग का जड़ से इलाज नहीं होता।
प्रश्न 4: क्या रोज़ाना पानी पीने से स्टोन नहीं बनेंगे?
उत्तर: हां, पानी की पर्याप्त मात्रा सिस्टीन को dilute करने में मदद करती है, जिससे स्टोन बनने की संभावना कम होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Cystinuria (सिस्टिन्यूरिया) एक आनुवंशिक रोग है जो बार-बार गुर्दे की पथरी का कारण बनता है। समय पर पहचान, पर्याप्त पानी पीना, संतुलित आहार, नियमित जांच और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं के पालन से इस स्थिति को लंबे समय तक नियंत्रित रखा जा सकता है। रोग की जटिलता को देखते हुए मरीज और परिजनों को लाइफस्टाइल में स्थायी बदलाव अपनाने की आवश्यकता होती है।