Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency (DPD Deficiency) / डायहाइड्रोपाइरीमिडीन डिहाइड्रोजनेज की कमी एक दुर्लभ अनुवांशिक (genetic) विकार है। यह शरीर की उस क्षमता को प्रभावित करता है जिससे वह पायरीमिडीन नामक न्यूक्लियोटाइड्स (Pyrimidine nucleotides: थाइमिन और यूरासिल) को तोड़ता और मेटाबोलाइज करता है।इस एंजाइम की कमी के कारण, शरीर कुछ दवाइयों जैसे 5-Fluorouracil (5-FU) और Capecitabine को मेटाबोलाइज नहीं कर पाता, जिससे गंभीर और जानलेवा दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency क्या होता है ? (What Happens in DPD Deficiency?):
DPD एक प्रमुख एंजाइम है जो थाइमिन (Thymine) और यूरासिल (Uracil) जैसे न्यूक्लियोटाइड्स को टूटने (breakdown) में मदद करता है। जब यह एंजाइम अनुपस्थित या कम मात्रा में होता है, तो यह पदार्थ शरीर में जमा हो जाते हैं और विषैले प्रभाव डालते हैं, विशेष रूप से कीमोथेरेपी की दवाओं को लेने पर।
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency कारण (Causes of DPD Deficiency):
DPD की कमी एक आनुवांशिक बीमारी (Genetic Disorder) है, जिसका कारण DPYD जीन (DPYD gene) में उत्परिवर्तन (mutation) होता है।
मुख्य कारण:
- DPYD जीन में म्यूटेशन – यह जीन DPD एंजाइम के निर्माण को नियंत्रित करता है।
- Autosomal recessive pattern – माता-पिता से दोनों ओर से दोषपूर्ण जीन मिलने पर यह विकार उत्पन्न होता है।
- वंशानुगत (Hereditary) – पारिवारिक इतिहास होने पर जोखिम अधिक होता है।
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency के लक्षण (Symptoms of DPD Deficiency):
DPD की कमी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और इनमें से कई कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों की तरह दिख सकते हैं।
- उल्टी (Vomiting)
- दस्त (Diarrhea)
- नाक और मुंह से खून आना (Bleeding from nose or mouth)
- मुँह में छाले (Mouth sores)
- थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
- दौरे (Seizures)
- मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle weakness)
- मानसिक विकलांगता (Intellectual disability)
- बाल्यावस्था में विकास में देरी (Developmental delay in infants)
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं (Neurological issues)
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency कैसे पहचाने (Diagnosis of DPD Deficiency):
DPD की कमी का पता लगाने के लिए निम्नलिखित जांच की जाती हैं:
- DPYD जीन टेस्टिंग (Genetic Testing) – डीपीवाईडी जीन में उत्परिवर्तन की पहचान के लिए।
- DPD एंजाइम एक्टिविटी टेस्ट – रक्त में DPD एंजाइम की सक्रियता मापी जाती है।
- Uracil Level Measurement – रक्त में यूरासिल का स्तर बढ़ा होता है।
- Newborn screening (कुछ देशों में) – नवजात में जन्म के समय टेस्ट किया जा सकता है।
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency इलाज (Treatment of DPD Deficiency):
इसकी कोई स्थायी चिकित्सा नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने और सुरक्षित इलाज के लिए उपाय किए जा सकते हैं:
- कीमोथेरेपी दवाओं से परहेज (Avoiding 5-FU and Capecitabine)
- वैकल्पिक दवाओं का उपयोग – जैसे रालिट्रेक्सेड (Raltitrexed)
- डोज कम करना (Dose adjustment) – यदि दवा आवश्यक हो तो बहुत कम मात्रा में दी जाती है।
- समर्थनात्मक चिकित्सा (Supportive care) – दस्त, संक्रमण, और खून की कमी जैसे लक्षणों के लिए।
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency इसे कैसे रोके (Prevention of DPD Deficiency):
यह एक अनुवांशिक स्थिति है इसलिए इसे पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन:
- Gene screening से पहले से पहचान की जा सकती है।
- Family history होने पर बच्चों का early टेस्ट कराना फायदेमंद हो सकता है।
- कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले DPD जांच ज़रूरी है।
घरेलू उपाय (Home Remedies):
इस रोग के लिए कोई घरेलू इलाज नहीं है, लेकिन निम्नलिखित उपाय सहायक हो सकते हैं:
- पोषणयुक्त आहार लेना (Nutritious food)
- अधिक पानी पीना (Stay hydrated)
- तनाव से दूर रहना (Avoid stress)
- नियमित जांच और डॉक्टर से संपर्क में रहना
सावधानियाँ (Precautions):
- DPD टेस्ट कराए बिना कीमोथेरेपी शुरू न करें
- दवाओं की पूरी जानकारी डॉक्टर को दें
- किसी भी दवा से दुष्प्रभाव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- गर्भावस्था में इस बीमारी का पता हो तो बच्चे की स्क्रीनिंग कराएं
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
Q1: क्या DPD की कमी जानलेवा होती है?
हाँ, यदि पता न चले और 5-FU जैसी दवाएं दी जाएं, तो यह जानलेवा हो सकता है।
Q2: DPD टेस्ट कब कराना चाहिए?
कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले या परिवार में इसका इतिहास हो तो पहले ही कराना चाहिए।
Q3: क्या यह बीमारी बच्चों में भी हो सकती है?
हाँ, यह जन्मजात हो सकती है और विकास में देरी जैसे लक्षणों से पहचान होती है।
Q4: क्या DPD की कमी का इलाज संभव है?
इसका स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सावधानी और सही दवा चयन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
Q5: क्या DPD की कमी आम है?
यह एक दुर्लभ विकार है, लेकिन कुछ आबादी में इसकी घटनाएं अधिक देखी गई हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
Dihydropyrimidine Dehydrogenase Deficiency (DPD Deficiency / डायहाइड्रोपाइरीमिडीन डिहाइड्रोजनेज की कमी) एक गंभीर लेकिन दुर्लभ आनुवांशिक रोग है। यदि इसकी पहचान समय पर हो जाए, तो इससे संबंधित जटिलताओं से बचा जा सकता है। कीमोथेरेपी से पहले इस टेस्ट को करवाना बहुत जरूरी है। सही जांच, सावधानी और दवा प्रबंधन से जीवन को सुरक्षित बनाया जा सकता है।