Discogenic Back Pain क्या है? कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम

Discogenic Back Pain (डिस्कोजेनिक बैक पेन) एक प्रकार का निचले हिस्से का पीठ दर्द (Lower back pain) होता है जो रीढ़ की हड्डी (Spinal Column) में स्थित इंटरवर्टिब्रल डिस्क (Intervertebral Disc) के डैमेज या डीजेनेरेशन (Degeneration) के कारण होता है। यह दर्द आमतौर पर लंबे समय तक बैठने, झुकने या वजन उठाने पर बढ़ जाता है और अक्सर 30 से 50 वर्ष की उम्र में अधिक देखा जाता है।

Discogenic Back Pain क्या होता है  (What is Discogenic Back Pain):

Discogenic Back Pain वह दर्द है जो रीढ़ की डिस्क के अंदर की क्षति या डीजेनेरेटिव परिवर्तन (Degenerative changes) के कारण होता है। यह स्थिति तब होती है जब डिस्क की अंदरूनी परत (Annulus Fibrosus) में क्रैक या क्षति हो जाती है और डिस्क का जेल जैसा भाग (Nucleus Pulposus) रिसकर सूजन और दर्द पैदा करता है।

Discogenic Back Pain इसके कारण (Causes of Discogenic Back Pain):

  1. डिस्क डीजेनेरेशन (Disc degeneration):

    1. उम्र बढ़ने के साथ डिस्क में पानी की मात्रा कम होना और लचीलापन खत्म होना
  2. माइक्रो ट्रॉमा (Micro-trauma):

    1. रोजमर्रा की एक्टिविटी जैसे झुकना, वजन उठाना आदि से छोटी चोटें
  3. अनुवांशिक कारण (Genetic predisposition):

    1. कुछ लोगों में डिस्क जल्दी खराब होने की प्रवृत्ति
  4. रीढ़ पर अत्यधिक भार (Excessive load on spine):

    1. मोटापा, गलत पॉश्चर या अधिक समय तक बैठना
  5. स्मोकिंग (Smoking):

    1. डिस्क को पोषण की आपूर्ति को कम करता है जिससे वह जल्दी डैमेज होती है

Discogenic Back Pain के लक्षण (Symptoms of Discogenic Back Pain):

  1. निचले हिस्से में लगातार या बार-बार होने वाला दर्द (Chronic low back pain)
  2. बैठने या झुकने पर दर्द का बढ़ना (Pain worsens on sitting/bending)
  3. चलने या खड़े होने पर कुछ आराम मिलना
  4. दर्द एक या दोनों नितंबों (Buttocks) में फैल सकता है
  5. पीठ में अकड़न या जकड़न (Stiffness)
  6. सामान्यत: यह दर्द पैरों तक नहीं जाता (Unlike sciatica)
  7. सुबह के समय दर्द अधिक होना

इसका निदान कैसे करें (Diagnosis of Discogenic Back Pain):

  1. क्लीनिकल हिस्ट्री और फिजिकल एग्ज़ाम (Clinical evaluation)
  2. MRI स्कैन (MRI Scan):
    1. डिस्क डीजेनेरेशन, फिशर टियर, या हाइड्रेशन में कमी दिखाता है
  3. Discography (डिस्कोग्राफी):
    1. स्पेशल डायग्नोस्टिक टेस्ट जिससे यह पता चलता है कि किस डिस्क से दर्द उत्पन्न हो रहा है
  4. X-ray या CT स्कैन:
    1. रीढ़ की स्थिति को देखने के लिए

Discogenic Back Pain इलाज (Treatment of Discogenic Back Pain):

  1. दवाइयां (Medications):

    1. पेन रिलीवर (NSAIDs)
    2. मसल रिलैक्सेंट (Muscle relaxants)
    3. न्यूरोपैथिक पेन मेडिकेशन
  2. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):

    1. स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज
    1. पोस्टरल करेक्शन टेक्निक्स
  3. Epidural Steroid Injections (ESI):

    1. सूजन कम करने के लिए
  4. Radiofrequency Ablation (RFA):

    1. डिस्क के पास के नर्व सिग्नल को ब्लॉक करना
  5. सर्जरी (यदि आवश्यक):

    1. Disc replacement या spinal fusion surgery जब अन्य उपाय विफल हों

Discogenic Back Pain कैसे रोके (Prevention of Discogenic Back Pain):

  1. सही पॉश्चर बनाए रखें
  2. भारी सामान सही तकनीक से उठाएं
  3. नियमित रूप से पीठ की एक्सरसाइज करें
  4. वजन नियंत्रित रखें
  5. स्मोकिंग से बचें
  6. लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें

घरेलू उपाय (Home Remedies for Discogenic Back Pain):

  1. गर्म या ठंडी सिकाई (Hot/Cold compress):
    1. सूजन और दर्द कम करने के लिए
  2. हल्की योगासन या स्ट्रेचिंग (Light yoga/stretching):
    1. विशेषज्ञ की सलाह से करें
  3. आरामदायक गद्दे पर सोना
  4. हल्का चलना (Walking):
    1. सिटिंग से बेहतर
  5. हल्दी वाला दूध (Turmeric milk):
    1. प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी

सावधानियाँ (Precautions):

  1. दर्द बढ़ने पर एक्सरसाइज बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें
  2. खुद से कोई भारी व्यायाम शुरू न करें
  3. लंबे समय तक झुक कर न बैठें
  4. गलत पोजिशन में सोने से बचें
  5. बिना जांच के किसी भी दवा का सेवन न करें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1: क्या Discogenic back pain पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
यह क्रॉनिक हो सकता है लेकिन सही इलाज और जीवनशैली सुधार से काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

Q2: क्या यह दर्द पैरों तक जाता है?
आमतौर पर नहीं, यह सिर्फ पीठ या नितंबों तक सीमित रहता है।

Q3: Discogenic back pain और स्लिप डिस्क में क्या अंतर है?
Discogenic pain डिस्क की अंदरूनी क्षति से होता है जबकि स्लिप डिस्क में डिस्क बाहर निकल कर नस पर दबाव डालती है।

Q4: क्या इस स्थिति में ऑपरेशन जरूरी है?
90% मामलों में नॉन-सर्जिकल इलाज से आराम मिल जाता है। सर्जरी अंतिम विकल्प होती है।

कैसे पहचाने (How to Identify Discogenic Back Pain):

  • लगातार निचले हिस्से में दर्द
  • बैठने या झुकने पर दर्द बढ़ना
  • MRI या Discography में डिस्क डैमेज की पुष्टि
  • सामान्य न्यूरोलॉजिकल टेस्ट सामान्य होने के बावजूद दर्द बना रहना

निष्कर्ष (Conclusion):

Discogenic Back Pain (डिस्कोजेनिक पीठ दर्द) आजकल की जीवनशैली से जुड़ा एक आम लेकिन उपेक्षित स्वास्थ्य मुद्दा है। समय पर पहचान, सही निदान और उपचार से इस दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सही जीवनशैली और पीठ की देखभाल करके इससे बचाव संभव है। अगर पीठ में लगातार दर्द हो रहा है, तो उसे हल्के में न लें और तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।


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