Drug-Induced Eosinophilia एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है जिसमें किसी दवा के उपयोग से शरीर में eosinophils (इओसिनोफिल नामक सफेद रक्त कोशिकाएं) की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है। यह एक प्रकार की दवा से प्रेरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (drug-induced immune reaction) होती है, जो हल्के से लेकर गंभीर रूपों में हो सकती है।
Drug-Induced Eosinophilia क्या होता है (What is Drug-Induced Eosinophilia)?
Eosinophils, शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र (immune system) का हिस्सा होते हैं, जो विशेष रूप से परजीवी संक्रमण, एलर्जी और कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया में सक्रिय हो जाते हैं। जब कोई दवा शरीर में इओसिनोफिल उत्पादन को अत्यधिक रूप से सक्रिय कर देती है, तो उसे Drug-Induced Eosinophilia कहा जाता है। यह प्रतिक्रिया कभी-कभी शरीर के अन्य अंगों (lungs, liver, skin, heart) को भी प्रभावित कर सकती है।
Drug-Induced Eosinophilia कारण (Causes of Drug-Induced Eosinophilia):
निम्नलिखित दवाएं Drug-Induced Eosinophilia के लिए जानी जाती हैं:
1. Antibiotics (एंटीबायोटिक्स):
- Penicillin
- Cephalosporins
- Sulfonamides (जैसे Cotrimoxazole)
- Nitrofurantoin
2. Anti-epileptic drugs (मिर्गी की दवाएं):
- Phenytoin
- Carbamazepine
- Lamotrigine
3. NSAIDs (Non-steroidal anti-inflammatory drugs):
- Ibuprofen
- Diclofenac
4. Anti-tubercular drugs:
- Isoniazid
- Rifampin
5. Allopurinol (गठिया और यूरिक एसिड के लिए)
6. Dapsone (leprosy और त्वचा रोगों में प्रयुक्त)
कुछ मामलों में DRESS Syndrome (Drug Reaction with Eosinophilia and Systemic Symptoms) नामक गंभीर प्रतिक्रिया विकसित हो सकती है।
Drug-Induced Eosinophilia के लक्षण (Symptoms of Drug-Induced Eosinophilia):
लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इओसिनोफिलिया केवल खून तक सीमित है या अंगों को प्रभावित कर रही है:
सामान्य लक्षण:
- लगातार बुखार (Fever)
- त्वचा पर चकत्ते (Skin rashes)
- थकान और कमजोरी (Fatigue and malaise)
- भूख न लगना (Loss of appetite)
- लिम्फ नोड्स में सूजन (Lymphadenopathy)
यदि अंग प्रभावित हों तो:
- फेफड़े (Lungs): खांसी, सांस फूलना, फेफड़ों की सूजन
- लीवर (Liver): पीलिया (Jaundice), लीवर एंजाइम्स का बढ़ना
- दिल (Heart): हृदय गति में अनियमितता, दिल की सूजन
- त्वचा (Skin): दाने, खुजली, गंभीर एलर्जी जैसे चकत्ते
- गुर्दा (Kidney): पेशाब में बदलाव, क्रिएटिनिन का बढ़ना
निदान (Diagnosis):
-
Complete blood count (CBC with differential):
Eosinophils की संख्या सामान्य से अधिक (अक्सर >500/µL) -
Liver/kidney function tests:
अंगों को हुए नुकसान की पहचान के लिए -
Chest X-ray या HRCT (lungs involvement की जांच के लिए)
-
Skin biopsy (यदि त्वचा पर दाने हों)
-
Drug history (सबसे अहम):
कौन सी दवा, कितने समय से, और लक्षण कब से शुरू हुए -
DRESS syndrome की पुष्टि के लिए विशेष criteria (RegiSCAR score)
Drug-Induced Eosinophilia इलाज (Treatment of Drug-Induced Eosinophilia):
1. कारण बनने वाली दवा को तुरंत बंद करना:
- यह सबसे आवश्यक और पहला कदम होता है
2. Mild cases:
- केवल दवा रोकने से स्थिति सुधर जाती है
3. Moderate to severe cases:
- Steroids (Prednisolone आदि): इम्यून प्रतिक्रिया को दबाने के लिए
- Antihistamines: यदि खुजली या चकत्ते हों
- Supportive care: बुखार, थकान आदि के लिए
4. यदि अंग प्रभावित हों (Systemic involvement):
- अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता
- मल्टी-डिसिप्लिनरी ट्रीटमेंट (लिवर, किडनी, हार्ट विशेषज्ञ की मदद से)
Drug-Induced Eosinophilia कैसे रोके (Prevention Tips):
- कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर को अपनी एलर्जी का इतिहास बताएं
- नए ड्रग्स शुरू करने पर शरीर की प्रतिक्रिया पर नजर रखें
- यदि पहले किसी दवा से एलर्जी हो चुकी हो तो वह भविष्य में दोबारा न लें
- डॉक्टर की अनुमति के बिना दवाएं न बदलें
- OTC (over-the-counter) दवाओं का अनियंत्रित प्रयोग न करें
घरेलू उपाय (Home Remedies):
केवल हल्के मामलों में और डॉक्टर की सलाह के साथ ही घरेलू उपाय करें:
- नीम का काढ़ा: त्वचा से एलर्जी कम करने में सहायक
- हल्दी दूध: सूजन और इम्यून सपोर्ट के लिए
- एलोवेरा जेल: त्वचा पर चकत्तों में ठंडक और राहत
- नारियल पानी और तरल पदार्थ: डिटॉक्स में सहायक
- फल और हरी सब्जियां: इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मददगार
सावधानियाँ (Precautions):
- एक बार इओसिनोफिलिया हो जाने पर भविष्य में किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की देखरेख में करें
- अगर आपको पहले DRESS syndrome या इओसिनोफिलिया हो चुका है, तो यह जानकारी हर डॉक्टर को दें
- शरीर पर चकत्ते या बुखार जैसी छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें
- Immunosuppressive therapy लेते समय नियमित ब्लड टेस्ट कराएं
- खुद से स्टेरॉयड या कोई दवा न लें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: क्या Drug-Induced Eosinophilia खतरनाक हो सकता है?
उत्तर: हां, अगर यह DRESS syndrome में बदल जाए या अंगों को प्रभावित करे, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह स्थिति अस्थायी होती है?
उत्तर: हां, दवा रोकने पर अधिकतर मामलों में इओसिनोफिल की संख्या सामान्य हो जाती है।
प्रश्न 3: कौन से अंग सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं?
उत्तर: फेफड़े, त्वचा, लीवर, किडनी और दिल।
प्रश्न 4: क्या यह दोबारा हो सकता है?
उत्तर: हां, यदि वही दवा या समान रचना वाली दवा दोबारा ली जाए।
Drug-Induced Eosinophilia कैसे पहचाने (How to Identify Drug-Induced Eosinophilia):
- किसी दवा के शुरू होने के कुछ दिनों से हफ्तों में बुखार, चकत्ते, थकान
- खून की रिपोर्ट में Eosinophil count बढ़ा हुआ
- त्वचा, लीवर या फेफड़ों में लक्षण दिखाई देना
- दवा रोकने पर लक्षणों में सुधार
निष्कर्ष (Conclusion):
Drug-Induced Eosinophilia एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य स्थिति है, जो विशेष दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के रूप में उत्पन्न होती है। यदि समय पर पहचाना जाए और दवा को बंद कर दिया जाए, तो रोगी पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। अतः किसी भी दवा के उपयोग के दौरान शरीर में हो रहे बदलावों पर ध्यान दें और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।