Khushveer Choudhary

Newborn Screening Panel टेस्ट क्या है? कारण, प्रक्रिया, लाभ और सावधानियाँ

नवजात शिशु स्क्रीनिंग पैनल (Newborn Screening Panel) एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक प्रक्रिया है जो जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं में गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारियों की पहचान करने के लिए की जाती है। इस टेस्ट के जरिए ऐसी बीमारियाँ समय रहते पहचानी जा सकती हैं, जिनका शुरुआती इलाज जीवन की गुणवत्ता और लंबाई दोनों को बेहतर बना सकता है।









Newborn Screening Panel क्या होता है (What is Newborn Screening Panel)?

यह एक रक्त, श्रवण (hearing) और हृदय (heart) से संबंधित स्क्रीनिंग टेस्ट का समूह होता है, जिसमें 30 से अधिक जन्मजात बीमारियों की पहचान की जाती है। आमतौर पर शिशु के जन्म के 24 से 72 घंटे के भीतर यह परीक्षण किया जाता है।

Newborn Screening Panel कारण (Causes of doing this test):

  1. जन्मजात चयापचय संबंधी विकार (Inborn errors of metabolism)
  2. थायरॉयड से संबंधित रोग जैसे Congenital Hypothyroidism
  3. सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Disease)
  4. सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis)
  5. हियरिंग लॉस (Hearing loss)
  6. हृदय दोष (Critical Congenital Heart Defects)

Newborn Screening Panel के लक्षण (Symptoms of conditions screened in this test):

हालांकि अधिकांश बीमारियों के लक्षण जन्म के समय नहीं दिखते, फिर भी कुछ संकेत निम्न हो सकते हैं:

  1. अत्यधिक सुस्ती या कमजोरी (Lethargy)
  2. दूध पीने में कठिनाई (Feeding difficulty)
  3. वजन न बढ़ना (Failure to thrive)
  4. साँस लेने में समस्या (Breathing issues)
  5. मिर्गी के दौरे (Seizures)

परीक्षण कैसे किया जाता है (Test procedure):

  1. ब्लड टेस्ट (Blood Spot Test): शिशु की एड़ी से कुछ बूंद रक्त लेकर कार्ड पर डाला जाता है।
  2. श्रवण परीक्षण (Hearing Test): ऑडिटोरी ब्रेनस्टेम रिस्पॉन्स (ABR) या OAE तकनीक से किया जाता है।
  3. हृदय स्क्रीनिंग (Pulse Oximetry): ऑक्सीजन के स्तर की जाँच की जाती है।

Newborn Screening Panel इलाज (Treatment):

इलाज जाँच के परिणाम पर निर्भर करता है। यदि किसी बीमारी की पुष्टि होती है तो:

  • विशेष आहार या दवा (Diet or Medication)
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone replacement)
  • फिजिकल थैरेपी
  • सर्जरी (यदि आवश्यक हो)

Newborn Screening Panel कैसे रोके (Prevention):

इन बीमारियों को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह जन्मजात होती हैं, लेकिन समय पर स्क्रीनिंग और इलाज से प्रभाव को रोका जा सकता है।

घरेलू उपाय (Home Remedies):

Newborn Screening से संबंधित बीमारियाँ चिकित्सा हस्तक्षेप मांगती हैं। घरेलू उपाय कारगर नहीं होते। लेकिन:

  • पौष्टिक आहार का सेवन माँ को करना चाहिए
  • स्तनपान कराना महत्वपूर्ण है
  • डॉक्टर की सलाह अनुसार आहार देना चाहिए

सावधानियाँ (Precautions):

  1. शिशु का टेस्ट समय पर कराना
  2. यदि परिवार में कोई आनुवांशिक बीमारी का इतिहास है तो डॉक्टर को जानकारी देना
  3. टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार फॉलोअप ना छोड़ें
  4. सरकार या अस्पताल की स्क्रीनिंग योजनाओं का लाभ उठाना

कैसे पहचाने (Diagnosis):

  • रिपोर्ट द्वारा पुष्टि
  • यदि रिपोर्ट में किसी बीमारी का संकेत हो, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से दोबारा जांच कराना ज़रूरी है।
  • जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic testing) भी की जा सकती है।

FAQs:

प्र1: यह टेस्ट कब किया जाता है?
जन्म के 24 से 72 घंटे के अंदर।

प्र2: क्या यह टेस्ट सभी अस्पतालों में होता है?
अब अधिकतर सरकारी और निजी अस्पतालों में यह उपलब्ध है।

प्र3: क्या यह अनिवार्य है?
कुछ राज्यों या देशों में यह अनिवार्य है, भारत में भी यह जोर पकड़ रहा है।

प्र4: टेस्ट में दर्द होता है क्या?
एड़ी से रक्त निकालना थोड़ा असहज हो सकता है, लेकिन बहुत कम दर्द होता है।

प्र5: यदि रिपोर्ट में कोई समस्या हो तो क्या करें?
तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ या जेनेटिक काउंसलर से संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion):

Newborn Screening Panel एक जीवनरक्षक जांच है जो नवजात शिशु को जन्मजात बीमारियों से बचाने का एक सशक्त तरीका है। समय पर किया गया यह टेस्ट न सिर्फ बीमारियों की पहचान करता है, बल्कि उचित इलाज द्वारा बच्चे के भविष्य को सुरक्षित बनाता है। सभी अभिभावकों को यह टेस्ट करवाना चाहिए ताकि वे अपने बच्चे को एक स्वस्थ जीवन की शुरुआत दे सकें।


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