Polygenic Risk Scores कारण, प्रक्रिया, लक्षण, सावधानियाँ और पूरी जानकारी

Polygenic Risk Scores (पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर) एक नवीनतम जेनेटिक तकनीक है जो यह अनुमान लगाने में मदद करती है कि किसी व्यक्ति को सामान्य लेकिन जटिल बीमारियाँ (जैसे – मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर आदि) होने की संभावना कितनी है। यह स्कोर व्यक्ति के डीएनए (DNA) में पाए जाने वाले कई जीनों के छोटे-छोटे बदलाव (Single Nucleotide Polymorphisms - SNPs) को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।

यह परीक्षण विशेष रूप से रोग की रोकथाम (Prevention) और निजीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन (Personalized Healthcare) के लिए उपयोगी होता है।

Polygenic Risk Score क्या होता है ? (What is Polygenic Risk Score?)

Polygenic Risk Score (PRS) एक सांख्यिकीय स्कोर होता है, जो व्यक्ति के जीन में मौजूद हजारों SNPs के आधार पर यह अनुमान लगाता है कि उसे किसी विशेष बीमारी का जोखिम सामान्य आबादी की तुलना में कम, सामान्य या अधिक है।

यह स्कोर जन्म से पहले या बाद में कभी भी निकाला जा सकता है क्योंकि यह डीएनए आधारित होता है, और डीएनए जीवनभर एक जैसा रहता है।

Polygenic Risk Score इसके कारण (Reasons for Recommending PRS Test):

  1. बीमारी से पहले ही जोखिम की जानकारी प्राप्त करना।
  2. परिवार में किसी बीमारी का इतिहास होने पर रोकथाम की योजना बनाना।
  3. निजीकृत जीवनशैली और दवा योजना बनाने में सहायता।
  4. युवा अवस्था में बीमारी से संबंधित पूर्व चेतावनी
  5. डॉक्टर को यह समझने में मदद कि कौन-से रोगियों पर निगरानी अधिक ज़रूरी है।

किन बीमारियों के लिए PRS निकाला जाता है (Conditions commonly assessed by PRS):

  1. Type 2 Diabetes (टाइप 2 मधुमेह)
  2. Coronary Artery Disease (हृदय रोग)
  3. Breast Cancer (स्तन कैंसर)
  4. Prostate Cancer (प्रोस्टेट कैंसर)
  5. Obesity (मोटापा)
  6. Hypertension (उच्च रक्तचाप)
  7. Alzheimer's Disease (अल्जाइमर रोग)
  8. Colorectal Cancer (कोलोरेक्टल कैंसर)

Polygenic Risk Score के लक्षण (Symptoms of Conditions Detected by PRS):

Polygenic Risk Score स्वयं किसी बीमारी का निदान नहीं करता, बल्कि यह जोखिम बताता है। लेकिन जिन बीमारियों का जोखिम इस स्कोर से पता लगाया जाता है, उनके संभावित लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

मधुमेह (Diabetes):

  • बार-बार पेशाब आना
  • अधिक प्यास लगना
  • थकान
  • वजन कम होना

हृदय रोग (Heart Disease):

  • छाती में दर्द
  • सांस फूलना
  • चक्कर आना
  • तेजी से थक जाना

स्तन कैंसर (Breast Cancer):

  • स्तन में गांठ
  • त्वचा में बदलाव
  • निप्पल से रिसाव

अल्जाइमर (Alzheimer’s):

  • स्मृति कमजोर होना
  • रोज़मर्रा के काम भूलना
  • व्यवहार में बदलाव

Polygenic Risk Score इलाज (Treatment Based on PRS):

Polygenic Risk Score खुद कोई इलाज नहीं है, यह जोखिम मूल्यांकन (risk assessment) का उपकरण है। यदि किसी व्यक्ति का स्कोर किसी रोग के लिए उच्च आता है, तो:

  1. नियमित मेडिकल जांच शुरू की जाती है।
  2. जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है।
  3. समय से पहले दवाओं की शुरूआत की जा सकती है।
  4. डॉक्टर मरीज के लिए निजीकृत चिकित्सा योजना (personalized treatment plan) बना सकते हैं।
  5. मानसिक और शारीरिक रूप से सजगता बढ़ाई जाती है।

Polygenic Risk Score कैसे रोके (Prevention):

PRS रिपोर्ट से यह जानकर कि कौन-सी बीमारी का जोखिम अधिक है, व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अग्रिम कदम उठा सकता है:

  1. संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाएं।
  2. रोजाना व्यायाम करें।
  3. तनाव प्रबंधन के लिए ध्यान या योग करें।
  4. नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराएं।
  5. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
  6. डॉक्टर की सलाह से दवा लेना शुरू करें (यदि आवश्यक हो)।

घरेलू उपाय (Home Remedies):

PRS की रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार निम्न घरेलू उपाय बीमारी की संभावना को कम करने में सहायक हो सकते हैं:

  1. नींबू, आंवला, ग्रीन टी जैसे एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार
  2. हल्दी दूध व दालचीनी – मधुमेह के नियंत्रण के लिए
  3. लहसुन और ओमेगा-3 युक्त आहार – हृदय स्वास्थ्य के लिए
  4. ब्राह्मी, अश्वगंधा – मानसिक स्वास्थ्य के लिए
  5. व्यायाम, ध्यान और नियमित दिनचर्या

सावधानियाँ (Precautions):

  1. केवल प्रमाणित जेनेटिक लैब से ही PRS परीक्षण करवाएं।
  2. रिपोर्ट को खुद से interpret न करें, किसी trained genetic counselor से सलाह लें।
  3. PRS एक पूर्वानुमान है, निश्चित निदान नहीं
  4. मानसिक रूप से तैयार रहें कि रिपोर्ट में "उच्च जोखिम" होना बीमारी होने का निश्चित संकेत नहीं है।
  5. रिपोर्ट के अनुसार जल्दबाजी में इलाज न शुरू करें, डॉक्टर की सलाह लें।

कैसे पहचाने कि यह टेस्ट कब करवाना चाहिए? (When Should You Consider Polygenic Risk Score Testing?)

  1. परिवार में टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर आदि का इतिहास हो।
  2. यदि आप हेल्थ-कॉन्शियस हैं और भविष्य की बीमारी से बचना चाहते हैं।
  3. 18 वर्ष से ऊपर के किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को यह टेस्ट करवाना चाहिए जो भविष्य के लिए सतर्क रहना चाहता है।
  4. गर्भधारण करने की योजना बना रहे जोड़े, अपने जीन जोखिम को समझने के लिए।
  5. Personalized medicine या lifestyle planning के लिए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

प्रश्न 1: क्या Polygenic Risk Score बीमारी की पुष्टि करता है?
उत्तर: नहीं, यह केवल बीमारी के लिए जोखिम बताता है, निदान नहीं करता।

प्रश्न 2: क्या PRS टेस्ट बच्चों में किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, लेकिन आमतौर पर यह वयस्कों के लिए अधिक उपयोगी होता है क्योंकि इसका उद्देश्य भविष्य का पूर्वानुमान है।

प्रश्न 3: क्या PRS रिपोर्ट बदलती है?
उत्तर: नहीं, क्योंकि डीएनए जीवनभर एक जैसा रहता है, इसलिए PRS स्थिर होता है।

प्रश्न 4: क्या इस टेस्ट की रिपोर्ट से दवा बदलनी चाहिए?
उत्तर: केवल डॉक्टर की सलाह से ही कोई दवा या उपचार योजना बदलें।

प्रश्न 5: क्या यह टेस्ट केवल बीमार लोगों के लिए है?
उत्तर: नहीं, यह स्वस्थ लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी है ताकि वे भविष्य में बीमारियों से बचाव कर सकें।

निष्कर्ष (Conclusion):

Polygenic Risk Scores (पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर) एक प्रभावी और उन्नत जेनेटिक उपकरण है जो हमें यह जानने में मदद करता है कि भविष्य में किसी आम लेकिन गंभीर बीमारी का हमें कितना जोखिम है। यह रिपोर्ट बीमारी को रोकने, पहले से उपाय करने और निजीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए बेहद उपयोगी है। समय रहते यह परीक्षण करवाना, जागरूकता और लंबी आयु की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।


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