Polyhydramnios

Polyhydramnios (पॉलीहाइड्रम्नियोस) गर्भावस्था से जुड़ी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भ में बच्चा जिस थैली (Amniotic Sac) में होता है, उसमें गर्भजल (Amniotic Fluid) जरूरत से ज्यादा मात्रा में जमा हो जाता है

यह स्थिति किसी भी गर्भवती महिला के लिए चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन सही समय पर पहचान और निगरानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

Polyhydramnios क्या होता है?

गर्भावस्था के दौरान बच्चा Amniotic Sac में मौजूद Amniotic Fluid (गर्भजल) में तैरता है। यह द्रव बच्चे के विकास और सुरक्षा के लिए ज़रूरी होता है। लेकिन जब यह द्रव सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो उसे Polyhydramnios कहा जाता है।

आमतौर पर यह तब कहा जाता है जब:

  • Amniotic Fluid Index (AFI) 24 से अधिक हो, या

  • Deepest Pocket of Fluid > 8 cm हो

यह कब होता है?

Polyhydramnios अक्सर गर्भावस्था के तीसरे तिमाही (third trimester) में पाया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह पहले भी देखा जा सकता है।

Polyhydramnios के संभावित कारण:

  1. माँ को मधुमेह (Diabetes) – खासकर यदि शुगर कंट्रोल में न हो

  2. बच्चे की पाचन प्रणाली में समस्या – जिससे बच्चा अम्नियोटिक द्रव निगल नहीं पाता

  3. बच्चे में जन्मजात दोष – जैसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, एसोफेगल एट्रेसिया

  4. जुड़वां या अधिक भ्रूण – एक से अधिक बच्चे होने पर द्रव बढ़ सकता है

  5. Rh incompatibility

  6. अज्ञात कारण – कई मामलों में कोई स्पष्ट कारण नहीं मिलता (Idiopathic)

Polyhydramnios के लक्षण:

  • पेट का अचानक बहुत बड़ा हो जाना

  • सांस लेने में दिक्कत

  • पेट में खिंचाव या असहजता

  • टांगों में सूजन या भारीपन

  • भ्रूण की हलचल ज्यादा या कम महसूस होना

  • समय से पहले contractions (लेबर का खतरा)

कई बार कोई लक्षण नहीं होता, और यह सिर्फ सोनोग्राफी में सामने आता है।

कैसे पता चलता है? (Diagnosis)

  • Ultrasound (USG): जिससे Amniotic Fluid Index (AFI) मापा जाता है

  • Fetal Anatomy Scan: यह देखने के लिए कि बच्चे में कोई शारीरिक असामान्यता तो नहीं

  • Glucose Tolerance Test (GTT): माँ को डायबिटीज़ तो नहीं

  • TORCH test / Rh typing: कुछ खास संक्रमण या Rh समस्या देखने के लिए

Polyhydramnios के खतरे (Risks):

  • समय से पहले प्रसव (Preterm Labour)

  • Water break जल्दी होना

  • गर्भनाल बाहर आ जाना (Cord prolapse)

  • भ्रूण की पोजीशन का गलत होना (Breech या transverse lie)

  • डिलीवरी के समय अत्यधिक ब्लीडिंग

  • शिशु का जन्म के समय सांस लेने में दिक्कत

इलाज और देखभाल (Treatment):

  1. मामूली मामलों में कोई इलाज नहीं होता, केवल निगरानी की जाती है

  2. यदि कारण डायबिटीज़ है, तो ब्लड शुगर कंट्रोल किया जाता है

  3. Amnioreduction – ज़रूरत से ज़्यादा द्रव निकालने की प्रक्रिया

  4. Indomethacin जैसी दवाएं – द्रव के उत्पादन को घटाने में सहायक (पर सीमित उपयोग)

  5. नियमित सोनोग्राफी और NST – शिशु की निगरानी के लिए

  6. Delivery planning – डिलीवरी का समय और तरीका विशेष निगरानी में तय किया जाता है

माँ के लिए ज़रूरी सावधानियाँ:

  • नियमित चेकअप कराना

  • हल्का और संतुलित आहार लेना

  • शुगर की जाँच कराते रहना

  • पेट में अत्यधिक खिंचाव या दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर को बताएं

  • बेड रेस्ट और डॉक्टर की सलाह मानें

निष्कर्ष:

Polyhydramnios कोई आम स्थिति नहीं है, लेकिन यह खतरनाक भी नहीं है अगर समय पर पहचाना जाए और सावधानी बरती जाए। इसका इलाज और मैनेजमेंट आज के समय में पूरी तरह संभव है। सही निगरानी और डॉक्टर की सलाह के अनुसार चलने पर माँ और बच्चे दोनों सुरक्षित रहते हैं।

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