Khushveer Choudhary

Recurrent Pregnancy Loss Panel टेस्ट क्या है? कारण, लक्षण, प्रक्रिया, इलाज, सावधानियाँ और पूरी जानकारी

Recurrent Pregnancy Loss Panel Test जिसे हिंदी में बार-बार गर्भपात होने का परीक्षण पैनल कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक टेस्ट है जो उन कारणों की पहचान करता है जिनकी वजह से किसी महिला को लगातार दो या अधिक बार गर्भपात (miscarriage) होता है। यह टेस्ट महिला और पुरुष दोनों की जीन, हार्मोन, इम्यून सिस्टम और खून की जांच करता है ताकि सही कारण का पता चल सके।Recurrent pregnancy loss (RPL) एक संवेदनशील विषय है और इसका समय पर निदान और इलाज करना आवश्यक होता है, खासकर यदि कोई महिला बार-बार गर्भावस्था में भ्रूण खो रही हो।








Recurrent Pregnancy Loss Panel Test क्या होता है ? (What is Recurrent Pregnancy Loss Panel Test?)

Recurrent Pregnancy Loss Panel एक समूह परीक्षण (panel of tests) होता है, जिसमें कई अलग-अलग कारणों को खोजने के लिए विभिन्न प्रकार की लैब जांच शामिल होती हैं। ये कारण आनुवांशिक (genetic), हार्मोनल (hormonal), रक्त संबंधी (hematological), प्रतिरक्षा तंत्र (immunological) या गर्भाशय की संरचना से जुड़े हो सकते हैं।

इसमें महिला के साथ-साथ पुरुष के भी कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं।

Recurrent Pregnancy Loss Panel Test कारण (Causes of Recurrent Pregnancy Loss):

  1. अनुवांशिक कारण (Genetic causes):

    1. Balanced chromosomal translocation
    1. Aneuploidy (जैसे trisomy)
  2. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalance):

    1. थायरॉइड विकार (Thyroid disorders)
    1. प्रोलैक्टिन स्तर में वृद्धि
    1. पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome)
  3. गर्भाशय की संरचनात्मक समस्याएं (Uterine abnormalities):

    1. Septate uterus
    1. Uterine fibroids या polyps
  4. प्रतिरक्षा संबंधी कारण (Immunological causes):

    1. Antiphospholipid antibody syndrome (APS)
    2. Autoimmune disorders
  5. रक्त संबंधी विकार (Blood clotting disorders):

    1. थ्रोम्बोफिलिया (Thrombophilia)
    2. Protein C/S deficiency, Factor V Leiden mutation
  6. संक्रामक कारण (Infections):

    1. TORCH infections (Toxoplasmosis, Rubella, CMV, Herpes)
    1. Bacterial vaginosis, Listeria आदि
  7. आवृत्त धूम्रपान, शराब सेवन, तनाव आदि (Lifestyle factors):

Recurrent Pregnancy Loss Panel Test के लक्षण (Symptoms of Recurrent Pregnancy Loss):

Recurrent pregnancy loss स्वयं एक लक्षण है। इसके मुख्य संकेत निम्न हो सकते हैं:

  1. लगातार दो या उससे अधिक बार गर्भपात होना
  2. गर्भावस्था की शुरुआती या मध्य अवस्था में भ्रूण की मृत्यु
  3. गर्भधारण में देरी या बार-बार IVF विफल होना
  4. पहले के गर्भ में fetal growth रुक जाना
  5. गर्भ में fetal heartbeat ना आना

कैसे होता है Recurrent Pregnancy Loss Panel Test? (Procedure of RPL Panel):

RPL Panel में कई तरह की जांचें शामिल होती हैं। ये आमतौर पर निम्नलिखित समूहों में होती हैं:

1. Genetic Tests (आनुवांशिक जांचें):

  • Karyotyping (पति और पत्नी दोनों का)
  • Chromosomal microarray
  • PGT-A (Preimplantation genetic testing for aneuploidy)

2. Hormonal Tests (हार्मोन संबंधी जांच):

  • TSH (Thyroid stimulating hormone)
  • Prolactin
  • AMH (Anti-Mullerian hormone)
  • LH/FSH ratio
  • Progesterone level

3. Thrombophilia Panel (खून की थक्का बनने की प्रवृत्ति जांच):

  • Protein C/S deficiency
  • Factor V Leiden mutation
  • Antithrombin III level
  • Homocysteine level

4. Immunological Tests (प्रतिरक्षा जांच):

  • Antiphospholipid antibodies
  • ANA (Anti-nuclear antibodies)
  • Lupus anticoagulant
  • Natural killer cell testing (in some cases)

5. Infectious Panel (संक्रमण जांच):

  • TORCH panel
  • Hysteroscopy या Ultrasound for uterine abnormalities

सैंपल:

खून, गर्भाशय के टिशू, और पुरुष/महिला दोनों के लिए ब्लड या बायोप्सी।

Recurrent Pregnancy Loss Panel Test इलाज (Treatment):

इलाज जाँच रिपोर्ट और कारण पर आधारित होता है:

  1. Genetic counseling – अगर कोई आनुवांशिक कारण हो।
  2. Aspirin + Heparin Therapy – APS या thrombophilia में।
  3. Thyroid या Hormonal disorder का इलाज – TSH, Prolactin आदि संतुलित करना।
  4. सर्जरी (Surgical correction) – Uterine septum या fibroid हटाना।
  5. IVF + PGT-A – आनुवांशिक दोष के लिए।
  6. Antibiotics या Antiviral Therapy – संक्रमण के मामलों में।

Recurrent Pregnancy Loss Panel Test कैसे रोके (Prevention):

  • पहले गर्भपात के बाद ही पूरी जाँच करवाएं
  • प्लान्ड प्रेग्नेंसी के पहले genetic counseling लें
  • मानसिक तनाव, धूम्रपान, शराब से बचें
  • नियमित योग और प्राणायाम करें
  • balanced diet लें और BMI नियंत्रित रखें
  • फोलिक एसिड व विटामिन D का सेवन करें

घरेलू उपाय (Home Remedies):

यह एक मेडिकल कंडीशन है, लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों से स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं:

  1. तिल और गुड़ से बनी चीज़ें मासिक धर्म चक्र संतुलित करती हैं
  2. हल्दी और दूध संक्रमणों को दूर रखते हैं
  3. आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B12 युक्त आहार लें
  4. अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली जैसे आयुर्वेदिक तत्व सहायक हो सकते हैं (डॉक्टर की सलाह से)

सावधानियाँ (Precautions):

  • गर्भवती होने से पहले पूरी जांच करवाएं
  • रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं लें
  • अगर पहले miscarriage हुआ है, तो अगले गर्भ की नियमित निगरानी करवाएं
  • यदि IVF या IUI करवा रहे हैं तो genetic evaluation करवाएं
  • SSRIs या किसी प्रकार के antidepressants खुद से न लें

कैसे पहचाने कि यह टेस्ट जरूरी है? (How to Identify if You Need This Test):

  1. यदि लगातार 2 या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो
  2. पहले प्रेगनेंसी में unexplained fetal death हुई हो
  3. बच्चे में congenital anomaly रही हो
  4. पुरुष/महिला में known chromosomal abnormality हो
  5. कोई autoimmune disease का इतिहास हो
  6. IVF बार-बार असफल हो रहा हो

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

प्रश्न 1: यह टेस्ट कब करवाना चाहिए?
उत्तर: यदि दो या अधिक बार गर्भपात हो चुका हो, तो तुरंत कराना चाहिए।

प्रश्न 2: इसकी लागत कितनी होती है?
उत्तर: RPL Panel की लागत ₹5000 से ₹30000 तक हो सकती है, टेस्ट की संख्या और प्रयोगशाला पर निर्भर करता है।

प्रश्न 3: क्या पुरुष को भी जांच करानी चाहिए?
उत्तर: हाँ, Karyotyping जैसे टेस्ट पति और पत्नी दोनों के लिए जरूरी होते हैं।

प्रश्न 4: क्या बार-बार गर्भपात का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, सही कारण जानकर इलाज किया जाए तो आगे सफल गर्भावस्था संभव है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Recurrent Pregnancy Loss Panel Test उन दंपतियों के लिए अत्यंत आवश्यक है जो बार-बार गर्भपात का सामना कर रहे हैं। यह परीक्षण न केवल समस्या की पहचान करता है, बल्कि आगे की गर्भधारण योजना को सुरक्षित बनाने में भी मदद करता है। यदि आपके साथ ऐसा हो चुका है, तो इस जांच को नजरअंदाज न करें और एक अनुभवी फर्टिलिटी विशेषज्ञ या जेनेटिक काउंसलर से सलाह लें। समय पर जांच और इलाज से एक स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ सकती है।


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