Uterine Atony– कारण, लक्षण, उपचार, और बचाव के उपाय

गर्भाशय शिथिलता (Uterine Atony) एक गंभीर प्रसूति (Obstetric) स्थिति है जिसमें प्रसव (Delivery) के बाद गर्भाशय की मांसपेशियाँ पर्याप्त रूप से सिकुड़ती नहीं हैं। सामान्यत: प्रसव के बाद गर्भाशय सख़्त हो जाता है जिससे रक्तस्राव (Bleeding) रुक जाता है, लेकिन Uterine Atony में यह सिकुड़न नहीं होती और अत्यधिक रक्तस्राव (Postpartum Hemorrhage – PPH) हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।

गर्भाशय शिथिलता  क्या होता है (What Happens in Uterine Atony)

जब गर्भाशय की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं या किसी कारण से उनका टोन (Tone) कम हो जाता है, तो डिलीवरी के बाद भी वे सिकुड़ नहीं पातीं। नतीजतन, गर्भाशय के भीतर मौजूद रक्त वाहिकाएँ खुली रह जाती हैं और खून का बहाव जारी रहता है।

गर्भाशय शिथिलता के कारण (Causes of Uterine Atony)

  1. लंबा प्रसव (Prolonged Labor)
  2. बहु-गर्भावस्था (Multiple Pregnancy) – जुड़वां या उससे अधिक शिशु
  3. अत्यधिक मात्रा में एमनियोटिक फ्लूइड (Polyhydramnios)
  4. बहुत बड़े बच्चे का जन्म (Macrosomia)
  5. प्रसव में अत्यधिक दवाओं का प्रयोग (Excessive Use of Oxytocin or Anesthetics)
  6. प्रसव के दौरान गर्भाशय की थकान (Uterine Fatigue)
  7. प्लेसेंटा का कुछ हिस्सा गर्भाशय में रह जाना (Retained Placenta)
  8. मां का अधिक उम्र में गर्भधारण (Advanced Maternal Age)

गर्भाशय शिथिलता के लक्षण (Symptoms of Uterine Atony)

  1. प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव (Heavy Vaginal Bleeding)
  2. पेट पर स्पर्श करने पर नरम और बड़ा गर्भाशय (Soft and Enlarged Uterus)
  3. रक्तचाप (Blood Pressure) का गिरना
  4. तेज़ नाड़ी (Rapid Pulse)
  5. चक्कर आना या बेहोशी (Dizziness or Fainting)
  6. पसीना आना और कमजोरी

गर्भाशय शिथिलता का इलाज (Treatment of Uterine Atony)

  1. तत्काल चिकित्सा सहायता (Immediate Medical Intervention) – यह आपातकालीन स्थिति है।
  2. Uterine Massage (गर्भाशय की मालिश) – गर्भाशय को सिकुड़ने के लिए।
  3. दवाएँ (Medications) – Oxytocin, Misoprostol, Carboprost आदि।
  4. IV Fluids और Blood Transfusion – खून की कमी पूरी करने के लिए।
  5. सर्जिकल उपाय (Surgical Methods) – यदि दवाओं और मालिश से फर्क न पड़े तो B-Lynch Suture या Hysterectomy तक की ज़रूरत पड़ सकती है।

गर्भाशय शिथिलता से बचाव के उपाय (Prevention of Uterine Atony)

  1. प्रसव के बाद गर्भाशय की स्थिति की जांच नियमित रूप से करना।
  2. उच्च जोखिम वाली महिलाओं में प्रसव के समय अतिरिक्त निगरानी।
  3. प्रसव के तीसरे चरण में Oxytocin का नियंत्रित प्रयोग।
  4. समय पर प्लेसेंटा को हटाना।

गर्भाशय शिथिलता के घरेलू उपाय (Home Remedies for Uterine Atony)

यह एक आपातकालीन स्थिति है, घरेलू उपाय उपचार का विकल्प नहीं हैं। लेकिन प्रसव के बाद शरीर को जल्दी रिकवर करने में मदद के लिए:

  1. आयरन और फोलिक एसिड युक्त आहार (Iron-rich diet) – पालक, गुड़, दालें।
  2. गर्म पानी से हल्की सिकाई (Only under medical advice)।
  3. पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ का सेवन।

सावधानियाँ (Precautions for Uterine Atony)

  • गर्भावस्था के दौरान नियमित प्रसवपूर्व जांच (Antenatal Checkups) कराएं।
  • पिछले प्रसव में PPH हुआ हो तो डॉक्टर को पहले से बताएं।
  • उच्च जोखिम गर्भावस्था में अस्पताल में ही डिलीवरी कराएं।

गर्भाशय शिथिलता की पहचान (Diagnosis of Uterine Atony)

  • शारीरिक जांच (Physical Examination) – पेट पर स्पर्श से नरम गर्भाशय महसूस होना।
  • रक्तस्राव की मात्रा का मूल्यांकन
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – गर्भाशय में प्लेसेंटा या रक्त के थक्के की जांच।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या Uterine Atony जानलेवा है?
हाँ, यदि समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है क्योंकि इसमें भारी रक्तस्राव होता है।

Q2. क्या हर महिला में यह समस्या हो सकती है?
यह अधिकतर उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में होता है, लेकिन किसी भी महिला में संभव है।

Q3. क्या इसका इलाज घर पर हो सकता है?
नहीं, यह आपातकालीन स्थिति है और तुरंत अस्पताल में इलाज जरूरी है।

निष्कर्ष (Conclusion)

गर्भाशय शिथिलता (Uterine Atony) प्रसव के बाद होने वाली एक गंभीर समस्या है जिसमें गर्भाशय सिकुड़ता नहीं और अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है। इसका इलाज जितनी जल्दी हो, उतना बेहतर है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पहले अपनी जोखिम स्थिति जाननी चाहिए और हमेशा प्रशिक्षित चिकित्सा टीम की देखरेख में डिलीवरी करवानी चाहिए।


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