Khushveer Choudhary

Keratoconjunctivitis Sicca कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

केरेटोकंजंक्टिवाइटिस सिक्का (Keratoconjunctivitis Sicca) को आमतौर पर ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome) कहा जाता है।

यह एक आंखों की दीर्घकालिक स्थिति (chronic eye condition) है, जिसमें आंखों में नमी बनाए रखने वाला आंसू द्रव (tear film) पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता या जल्दी सूख जाता है।

इससे आंखों में सूखापन, जलन, लालिमा, और असुविधा महसूस होती है।
अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह कॉर्निया (cornea) को नुकसान पहुँचा सकता है और दृष्टि को प्रभावित कर सकता है।

Keratoconjunctivitis Sicca क्या है (What is Keratoconjunctivitis Sicca)?

इस स्थिति में “Keratitis” का अर्थ है कॉर्निया की सूजन,
और “Conjunctivitis” का अर्थ है कंजंक्टिवा (आंख की झिल्ली) की सूजन
Sicca” शब्द का अर्थ है सूखापन (dryness)

इसलिए, Keratoconjunctivitis Sicca का अर्थ हुआ —
कॉर्निया और कंजंक्टिवा का सूखापन या सूजन, जो आंसू की कमी के कारण होता है।

Keratoconjunctivitis Sicca कारण (Causes of Keratoconjunctivitis Sicca)

यह रोग कई कारणों से विकसित हो सकता है। मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. आंसू उत्पादन में कमी (Reduced Tear Production):

  • आयु बढ़ना (Aging)
  • ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune diseases) जैसे Sjögren’s Syndrome
  • लैक्रिमल ग्रंथि (Lacrimal gland) की क्षति
  • कुछ दवाएँ (Medications) – जैसे एंटीहिस्टामिन, एंटीडिप्रेसेंट, या ब्लड प्रेशर की दवाएँ

2. आंसू का अत्यधिक वाष्पीकरण (Excessive Tear Evaporation):

  • लंबे समय तक कंप्यूटर/मोबाइल स्क्रीन देखना
  • धूल, धुआँ, या हवा के संपर्क में रहना
  • कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग
  • Meibomian gland dysfunction (आंसू की बाहरी तेलीय परत का असंतुलन)

3. अन्य कारण:

  • विटामिन A की कमी
  • आंख की सर्जरी या चोट
  • लंबे समय तक एयर-कंडीशनर या हीटर में रहना

Keratoconjunctivitis Sicca लक्षण (Symptoms of Keratoconjunctivitis Sicca)

  1. आंखों में सूखापन और जलन (Dryness & Burning)
  2. आंखों में रेत या धूल जैसा एहसास (Foreign body sensation)
  3. लालिमा (Redness)
  4. धुंधली दृष्टि (Blurred vision)
  5. रोशनी के प्रति संवेदनशीलता (Photophobia)
  6. बार-बार आंख झपकाने की जरूरत महसूस होना
  7. लंबे समय तक पढ़ने या स्क्रीन देखने पर दर्द या थकान
  8. कुछ मामलों में अत्यधिक पानी आना (Reflex tearing) – जो सूखापन के प्रति प्रतिक्रिया होती है।

Keratoconjunctivitis Sicca कैसे पहचानें (Diagnosis of Keratoconjunctivitis Sicca)

नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) इस रोग की पहचान निम्नलिखित जांचों से करते हैं:

  1. Schirmer’s Test:

    1. इसमें आंख के नीचे फिल्टर पेपर रखा जाता है ताकि आंसू की मात्रा मापी जा सके।
  2. Tear Break-Up Time (TBUT):

    1. आंसू की परत कितनी देर तक स्थिर रहती है, यह जांची जाती है।
  3. Fluorescein Staining:

    1. विशेष रंग डालकर कॉर्निया की क्षति का पता लगाया जाता है।
  4. Meibomian Gland Evaluation:

    1. आंसू की तेलीय परत की स्थिति की जांच।
  5. Autoimmune Profile:

    1. Sjögren’s Syndrome या अन्य ऑटोइम्यून रोगों की जांच।

Keratoconjunctivitis Sicca इलाज (Treatment of Keratoconjunctivitis Sicca)

इलाज का उद्देश्य आंखों की नमी को बनाए रखना और असुविधा को कम करना है।

1. कृत्रिम आंसू (Artificial Tears):

  • बाजार में मिलने वाले Lubricating Eye Drops या Tear Substitutes सबसे सामान्य उपचार हैं।
  • इन्हें दिन में कई बार उपयोग किया जा सकता है।

2. जेल या मलहम (Eye Gels & Ointments):

  • रात के समय आंखों को नम बनाए रखने के लिए उपयोगी।

3. दवाएँ (Medications):

  • Cyclosporine (Restasis) या Lifitegrast (Xiidra) – आंसू ग्रंथियों को उत्तेजित करने के लिए।
  • Corticosteroid eye drops – सूजन कम करने के लिए (सीमित समय के लिए)।

4. पर्यावरणीय परिवर्तन (Environmental Modifications):

  • कमरे में ह्यूमिडिफायर (humidifier) का उपयोग करें।
  • धूल और हवा से आंखों को बचाएँ।
  • स्क्रीन पर काम करते समय 20-20-20 नियम अपनाएँ — हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।

5. शल्य चिकित्सा (Surgical Options):

  • Punctal Plug Insertion: आंसू नलिका को आंशिक रूप से बंद कर देना ताकि आंसू जल्दी न बहें।
  • गंभीर मामलों में Tarsorrhaphy (पलकों का आंशिक बंद करना)।

घरेलू उपाय (Home Remedies):

ये उपाय सहायक हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के साथ ही अपनाएँ।

  • पर्याप्त पानी पिएँ ताकि शरीर में नमी बनी रहे।
  • ककड़ी (Cucumber) या गुलाब जल की ठंडी पट्टियाँ आंखों पर रखें।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे अलसी के बीज, मछली, अखरोट) का सेवन करें।
  • धूम्रपान और धूल वाले वातावरण से बचें।
  • आंखों पर सीधे हवा या एसी की हवा न लगने दें।

सावधानियाँ (Precautions):

  • बिना डॉक्टर की सलाह के steroid eye drops का लंबा उपयोग न करें।
  • कॉन्टैक्ट लेंस का अधिक समय तक उपयोग न करें।
  • कंप्यूटर स्क्रीन से उचित दूरी बनाए रखें।
  • नियमित नेत्र जांच (Eye Check-up) करवाएँ, खासकर यदि आपको ऑटोइम्यून रोग है।

जटिलताएँ (Complications):

यदि इस रोग का इलाज न किया जाए तो:

  • कॉर्निया में अल्सर या स्कार (Corneal Ulcer/Scarring)
  • दृष्टि धुंधलापन या स्थायी हानि (Permanent Vision Loss)
  • संक्रमण का खतरा (Infection Risk) बढ़ सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

Q1. क्या Keratoconjunctivitis Sicca स्थायी रूप से ठीक हो सकता है?
A. यदि यह किसी अस्थायी कारण से है (जैसे पर्यावरण या दवा), तो ठीक हो सकता है।
परंतु ऑटोइम्यून कारणों में इसे नियंत्रित किया जा सकता है, पूरी तरह ठीक नहीं।

Q2. क्या यह रोग संक्रामक है?
A. नहीं, यह संक्रामक नहीं है।

Q3. क्या आंखों में बार-बार पानी आना भी इसका लक्षण है?
A. हाँ, यह रिफ्लेक्स टियरिंग कहलाता है — सूखापन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया।

Q4. क्या इसका संबंध शोज़ग्रेन सिंड्रोम (Sjögren’s Syndrome) से है?
A. हाँ, यह Sjögren’s Syndrome का प्रमुख लक्षण हो सकता है।

Q5. क्या स्क्रीन टाइम बढ़ाने से यह बढ़ता है?
A. हाँ, लंबे समय तक स्क्रीन देखने से tear evaporation बढ़ती है और लक्षण गंभीर हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Keratoconjunctivitis Sicca या ड्राई आई सिंड्रोम आज की डिजिटल जीवनशैली में आम समस्या बन गई है।
यह आंखों की नमी और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है यदि इसे नज़रअंदाज़ किया जाए।

नियमित आंखों की जांच, पर्यावरणीय सावधानियाँ, और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए कृत्रिम आंसू एवं दवाओं के प्रयोग से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली, पर्याप्त पानी और स्क्रीन टाइम का नियंत्रण ही इसकी सबसे बड़ी रोकथाम है।


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