Khushveer Choudhary

Laryngeal Web– कारण, लक्षण, निदान और उपचार

लैरिंजियल वेब (Laryngeal Web) एक दुर्लभ जन्मजात या अधिग्रहीत (Congenital or Acquired) विकार है, जिसमें स्वरयंत्र (Larynx) के अंदर स्थित वोकल कॉर्ड्स (Vocal Cords) के बीच एक पतली झिल्ली (Membrane) या जाल जैसी संरचना बन जाती है।

यह झिल्ली स्वर मार्ग (Airway) को आंशिक या पूर्ण रूप से अवरुद्ध कर सकती है, जिससे साँस लेने में कठिनाई और आवाज़ में बदलाव जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

यह स्थिति नवजात शिशुओं (Newborns) से लेकर वयस्कों (Adults) तक में देखी जा सकती है, लेकिन इसका रूप और गंभीरता अलग-अलग होती है।

लैरिंजियल वेब क्या है? (What is Laryngeal Web?)

Laryngeal Web एक ऐसी स्थिति है जिसमें वोकल कॉर्ड्स के बीच झिल्लीदार ऊतक (Web-like tissue) विकसित हो जाता है।
यह ऊतक वोकल कॉर्ड्स के बीच की जगह (Glottis) को आंशिक या पूर्ण रूप से बंद कर देता है।

यदि यह जन्म से मौजूद है तो इसे Congenital Laryngeal Web कहा जाता है, और यदि यह किसी चोट या सर्जरी के बाद बनता है तो इसे Acquired Laryngeal Web कहा जाता है।

लैरिंजियल वेब के प्रकार (Types of Laryngeal Web)

  1. Congenital Laryngeal Web (जन्मजात लैरिंजियल वेब):
    – यह जन्म से मौजूद होती है।
    – भ्रूण के विकास के दौरान वोकल कॉर्ड्स का पूरा विभाजन नहीं हो पाता।
    – यह आमतौर पर स्वरयंत्र के आगे के हिस्से (anterior portion) में होती है।

  2. Acquired Laryngeal Web (अधिग्रहीत लैरिंजियल वेब):
    – यह चोट, संक्रमण, सर्जरी या इंट्यूबेशन के बाद बनती है।
    – वोकल कॉर्ड्स पर ऊतक की मरम्मत के दौरान झिल्ली बन जाती है।

लैरिंजियल वेब के कारण (Causes of Laryngeal Web)

1. जन्मजात कारण (Congenital Causes):

– भ्रूण अवस्था में वोकल कॉर्ड्स के पूरी तरह अलग न होने के कारण।
– आनुवंशिक या विकास संबंधी दोष।
– कुछ मामलों में यह अन्य जन्मजात विकारों (जैसे DiGeorge Syndrome) से जुड़ा होता है।

2. अधिग्रहीत कारण (Acquired Causes):

– गले की सर्जरी के बाद ऊतक का गलत ढंग से भरना।
– लंबे समय तक इंट्यूबेशन (श्वसन नली डालना)।
– गले की चोट या जलन (Trauma or Burn)।
– संक्रमण (Infection) या सूजन के बाद।

लैरिंजियल वेब के लक्षण (Symptoms of Laryngeal Web)

लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि वेब आंशिक है या पूरी तरह वायुमार्ग को अवरुद्ध कर रहा है।

शिशुओं (Infants) में:

  • साँस लेने में कठिनाई या घरघराहट (Stridor)
  • रोने की आवाज़ कमजोर या असामान्य
  • दूध पीते समय दम घुटने जैसा अनुभव
  • बार-बार श्वसन संक्रमण

बच्चों और वयस्कों में:

  • आवाज़ में खराश या कर्कशता (Hoarseness)
  • बोलते समय आवाज़ कमजोर या टूटी हुई
  • गले में तंग महसूस होना
  • साँस लेते समय आवाज़ (Stridor)
  • गंभीर मामलों में साँस रुकने का खतरा (Respiratory distress)

लैरिंजियल वेब की पहचान (Diagnosis of Laryngeal Web)

  1. लैरिंगोस्कोपी (Laryngoscopy):
    – एक कैमरे वाली ट्यूब से गले के अंदर देखा जाता है।
    – वोकल कॉर्ड्स के बीच वेब की स्थिति और आकार का पता लगाया जाता है।

  2. ब्रॉन्कोस्कोपी (Bronchoscopy):
    – वायुमार्ग की विस्तृत जांच के लिए।

  3. सीटी स्कैन या एमआरआई (CT/MRI):
    – वेब की गहराई और वायुमार्ग अवरोध की सीमा का पता लगाने के लिए।

  4. आवाज़ की जाँच (Voice Evaluation):
    – स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट द्वारा आवाज़ की गुणवत्ता की जांच।

लैरिंजियल वेब का इलाज (Treatment of Laryngeal Web)

उपचार की विधि वेब के आकार, स्थान और गंभीरता पर निर्भर करती है।

1. शल्य चिकित्सा (Surgical Treatment):

एंडोस्कोपिक सर्जरी (Endoscopic Surgery):
पतली झिल्ली को सावधानीपूर्वक काटा जाता है ताकि वोकल कॉर्ड्स अलग हो सकें।

लेजर सर्जरी (Laser Surgery):
झिल्ली को हटाने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया जाता है।

रिकरेंस रोकने के उपाय (Anti-adhesion Techniques):
सर्जरी के बाद दोबारा झिल्ली न बने, इसके लिए सिलिकॉन स्पेसर या स्टेंट लगाया जा सकता है।

2. आपातकालीन स्थिति में (Emergency Treatment):

– यदि वायुमार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो, तो ट्रेकियोस्टोमी (Tracheostomy) की जाती है जिससे साँस लेने का रास्ता बनाया जा सके।

3. स्पीच थेरेपी (Speech Therapy):

– सर्जरी के बाद आवाज़ की रिकवरी और नियंत्रण के लिए जरूरी है।

लैरिंजियल वेब से जुड़ी जटिलताएँ (Complications of Laryngeal Web)

  1. साँस लेने में कठिनाई या रुकावट
  2. आवाज़ की स्थायी समस्या (Permanent voice changes)
  3. सर्जरी के बाद पुनः झिल्ली का बनना (Recurrence)
  4. संक्रमण या वोकल कॉर्ड्स की चोट

लैरिंजियल वेब से बचाव (Prevention)

हालाँकि जन्मजात लैरिंजियल वेब को रोका नहीं जा सकता, लेकिन अधिग्रहीत रूप को कम किया जा सकता है:

  1. इंट्यूबेशन या गले की सर्जरी के दौरान सावधानी।
  2. संक्रमण या सूजन का समय पर इलाज।
  3. गले पर चोट से बचाव।
  4. पोस्ट-सर्जरी देखभाल का पालन।

घरेलू देखभाल और सुझाव (Home Care and Lifestyle Tips)

  1. सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा सुझाई गई वॉइस रेस्ट का पालन करें।
  2. गले को नम बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएँ।
  3. धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
  4. गले पर किसी प्रकार का तनाव या ज़ोर न डालें।
  5. यदि साँस लेने में कठिनाई हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या लैरिंजियल वेब जन्म से होता है?
A: हाँ, अधिकांश मामलों में यह जन्मजात होता है, लेकिन कभी-कभी सर्जरी या चोट के बाद भी विकसित हो सकता है।

Q2. क्या यह जानलेवा हो सकता है?
A: गंभीर मामलों में, यदि वायुमार्ग पूरी तरह बंद हो जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है।

Q3. क्या सर्जरी के बाद वेब दोबारा बन सकता है?
A: हाँ, कुछ मामलों में दोबारा बनने की संभावना रहती है, इसलिए नियमित फॉलो-अप जरूरी है।

Q4. क्या लैरिंजियल वेब आवाज़ को प्रभावित करता है?
A: हाँ, इससे आवाज़ कमजोर, टूटी हुई या कर्कश हो सकती है।

Q5. क्या यह बच्चों में अधिक होता है?
A: हाँ, जन्मजात लैरिंजियल वेब अक्सर नवजात या छोटे बच्चों में पाया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लैरिंजियल वेब (Laryngeal Web) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जो वोकल कॉर्ड्स के बीच झिल्ली बनने के कारण होती है।
यह साँस लेने और बोलने – दोनों को प्रभावित कर सकती है।
एंडोस्कोपिक या लेजर सर्जरी, समय पर निदान, और स्पीच थेरेपी से इस समस्या का सफल प्रबंधन संभव है।
यदि शिशु या वयस्क में साँस लेने या बोलने में कठिनाई हो, तो तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ (ENT Specialist) से परामर्श लेना चाहिए।

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