Khushveer Choudhary

Lymphogranuloma Venereum– कारण, लक्षण और इलाज

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम (Lymphogranuloma Venereum) या LGV एक यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infection – STI) है, जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (Chlamydia trachomatis) नामक बैक्टीरिया के L1, L2 और L3 स्ट्रेन्स से होता है।

यह संक्रमण मुख्य रूप से जननांगों (Genitals), मलाशय (Rectum) और लसीका ग्रंथियों (Lymph Nodes) को प्रभावित करता है।
LGV का प्रसार असुरक्षित यौन संबंधों, विशेषकर एनल या वैजाइनल सेक्स के माध्यम से होता है।

यह बीमारी पुरुषों में अधिक पाई जाती है, खासकर उन लोगों में जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं (MSM)।

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम क्या है? (What is Lymphogranuloma Venereum?)

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो फेफड़ों या रक्त में नहीं, बल्कि प्रजनन तंत्र और लसीका प्रणाली (Lymphatic System) में फैलता है।
यह संक्रमण तीन चरणों में विकसित होता है — प्रारंभिक (Primary), द्वितीयक (Secondary), और तृतीयक (Tertiary)।

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम के चरण (Stages of Lymphogranuloma Venereum)

1. पहला चरण (Primary Stage):

  • संक्रमण के 3–30 दिनों के भीतर छोटा फोड़ा या छाला (Painless Ulcer) बनता है।
  • यह आमतौर पर बिना दर्द का होता है और 1–2 सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है।

2. दूसरा चरण (Secondary Stage):

  • बैक्टीरिया लसीका ग्रंथियों तक पहुँच जाता है।
  • गर्दन, कमर या जांघ के ऊपरी हिस्से की लिम्फ नोड्स में सूजन (Bubo) होती है।
  • लिम्फ नोड्स में दर्द, लालिमा और पस भर सकती है।
  • बुखार, थकान और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

3. तीसरा चरण (Tertiary / Chronic Stage):

  • इलाज न होने पर संक्रमण पुराना हो जाता है।
  • मलाशय और जननांगों में सूजन, फाइब्रोसिस, फिस्टुला या निशान बन सकते हैं।
  • मलत्याग में दर्द, रक्तस्राव या संकुचन (Stricture) हो सकता है।

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम के कारण (Causes of Lymphogranuloma Venereum)

  1. बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection):
    Chlamydia trachomatis के L1, L2, या L3 प्रकार से संक्रमण।

  2. असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected Sex):
    – संक्रमित व्यक्ति के साथ बिना कंडोम के यौन संबंध बनाना।

  3. एनल सेक्स या मलाशय के संपर्क से संक्रमण।

  4. एक से अधिक यौन साथी (Multiple Partners)।

  5. HIV या अन्य यौन रोगों का इतिहास।

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम के लक्षण (Symptoms of Lymphogranuloma Venereum)

प्रारंभिक लक्षण (Early Symptoms):

  • जननांगों या गुदा पर छोटा, दर्द रहित छाला या घाव
  • जलन या हल्की खुजली

दूसरे चरण के लक्षण:

  • जांघ या कमर में लिम्फ नोड्स की सूजन (Bubo)
  • बुखार और ठंड लगना
  • शरीर दर्द और थकान
  • मलत्याग में दर्द या रक्तस्राव (यदि संक्रमण रेक्टल क्षेत्र में हो)
  • योनि या मूत्रमार्ग से स्राव (Discharge)
  • गुदा क्षेत्र में फोड़ा या फिस्टुला

पुराने (Chronic) लक्षण:

  • जननांगों की सूजन या विकृति (Elephantiasis-like swelling)
  • मलाशय की संकुचन (Rectal Stricture)
  • लगातार दर्द और संक्रमण

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम का निदान (Diagnosis of Lymphogranuloma Venereum)

  1. क्लिनिकल जांच (Clinical Examination):
    – डॉक्टर जननांग, गुदा और लिम्फ नोड्स की जांच करते हैं।

  2. ब्लड टेस्ट (Blood Tests):
    – एंटीबॉडी या संक्रमण के मार्कर्स देखने के लिए।

  3. स्वाब टेस्ट (Swab Test):
    – घाव या स्राव का नमूना लेकर Chlamydia trachomatis की पुष्टि।

  4. PCR टेस्ट (Polymerase Chain Reaction):
    – संक्रमण की सटीक पहचान के लिए।

  5. लिम्फ नोड एस्पिरेशन (Lymph Node Aspiration):
    – यदि लिम्फ नोड्स में पस हो तो जांच के लिए नमूना लिया जाता है।

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम का इलाज (Treatment of Lymphogranuloma Venereum)

इस संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotics) से किया जाता है।

1. दवाएँ (Medications):

  • डॉक्सीसाइक्लिन (Doxycycline): 100 mg दिन में दो बार, 21 दिनों तक।
  • एरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin) या अज़िथ्रोमाइसिन (Azithromycin) का भी उपयोग किया जा सकता है।

2. अन्य उपचार:

  • लिम्फ नोड्स में पस होने पर ड्रेनेज (Drainage)।
  • दर्द और सूजन कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ।
  • यौन साथी (Sex Partner) का भी एक साथ इलाज करना आवश्यक है।

उपचार के बाद 3–6 महीने में पुनः जांच (Follow-up) करानी चाहिए।

घरेलू और सहायक उपाय (Home and Supportive Remedies)

  1. गर्म सेंक (Warm Compress): सूजे हुए लिम्फ नोड्स पर लगाने से दर्द में राहत।
  2. आराम करें और पर्याप्त पानी पिएं।
  3. धूम्रपान और शराब से बचें।
  4. संतुलित और प्रोटीन युक्त आहार लें।
  5. संक्रमण ठीक होने तक यौन संबंध न बनाएं।

सावधानियाँ (Precautions)

  1. हर बार यौन संबंध के दौरान कंडोम का उपयोग करें।
  2. एक से अधिक यौन साथी से बचें।
  3. संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच कराएँ।
  4. यदि आप या आपका साथी संक्रमित हैं तो दोनों का एक साथ इलाज आवश्यक है।
  5. नियमित STI जांच (STD Screening) करवाएँ।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम पूरी तरह ठीक हो सकता है?
A: हाँ, सही समय पर एंटीबायोटिक दवाओं से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

Q2. क्या यह रोग खतरनाक है?
A: इलाज न होने पर यह पुराना होकर जननांगों और मलाशय को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन उपचार से पूरी तरह नियंत्रित हो सकता है।

Q3. क्या यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है?
A: हाँ, लेकिन यह पुरुषों में अधिक आम है, विशेषकर एनल सेक्स करने वालों में।

Q4. क्या लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम दोबारा हो सकता है?
A: यदि असुरक्षित यौन संबंध दोबारा बनाए जाएँ तो पुनः संक्रमण संभव है।

Q5. क्या यह HIV संक्रमण का जोखिम बढ़ाता है?
A: हाँ, यह रोग HIV संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है क्योंकि इससे जननांगों की त्वचा कमजोर हो जाती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लिम्फोग्रेनुलोमा वेनेरियम (Lymphogranuloma Venereum) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य यौन संचारित रोग (STI) है।
इसका समय पर निदान और उचित एंटीबायोटिक उपचार बेहद जरूरी है ताकि दीर्घकालिक जटिलताओं से बचा जा सके।
सुरक्षित यौन व्यवहार, स्वच्छता और नियमित स्वास्थ्य जांच इस संक्रमण से बचाव के सबसे प्रभावी तरीके हैं।


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