Khushveer Choudhary

Melioidosis कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

Melioidosis (मेलियोइडोसिस) एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो Burkholderia pseudomallei नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।

यह मुख्य रूप से मिट्टी और दूषित पानी के संपर्क में आने से फैलता है।
यह रोग विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है, जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया।

यह संक्रमण फेफड़ों, त्वचा, रक्त, मस्तिष्क, हड्डियों, और कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।
यदि समय पर इलाज न हो, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

Melioidosis क्या है (What is Melioidosis)

  • यह एक सिस्टमेटिक बैक्टीरियल संक्रमण है।
  • इसका कारण Burkholderia pseudomallei नामक ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया है।
  • यह मिट्टी, धूल और पानी में प्राकृतिक रूप से मौजूद रहता है।
  • यह शरीर में कट, सांस, या दूषित पानी पीने से प्रवेश करता है।
  • इसका असर हल्के संक्रमण से लेकर गंभीर Sepsis तक हो सकता है।

Melioidosis के कारण (Causes of Melioidosis)

मुख्य कारण:

  1. Burkholderia pseudomallei से संक्रमण
  2. दूषित मिट्टी में नंगे पैर चलना
  3. खेतों में काम करने के दौरान बैक्टीरिया त्वचा में प्रवेश
  4. दूषित धूल/हवा से बैक्टीरिया का सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश
  5. दूषित पानी पीना

जोखिम कारक (Risk Factors of Melioidosis)

  • Diabetes (मधुमेह)
  • Chronic Kidney Disease
  • Liver Disease
  • Alcoholism
  • Immunocompromised स्थिति
  • खेती और मिट्टी से जुड़े कार्य
  • लगातार बारिश या बाढ़ वाले क्षेत्र

Melioidosis के लक्षण (Symptoms of Melioidosis)

Melioidosis के लक्षण संक्रमण की जगह के अनुसार अलग हो सकते हैं।

1. Skin Infection (त्वचा संक्रमण)

  • लाल सूजन
  • दर्द
  • फोड़े या घाव
  • पस बनना

2. Lung Infection (फेफड़ों का संक्रमण)

  • तेज बुखार
  • खांसी
  • सांस लेने में तकलीफ
  • सीने में दर्द
  • न्यूमोनिया जैसे लक्षण

3. Blood Infection / Septicemia (रक्त संक्रमण)

  • बहुत तेज बुखार
  • अंगों में दर्द
  • लो ब्लड प्रेशर
  • Confusion
  • जानलेवा स्थिति (Septic Shock)

4. Chronic Melioidosis (दीर्घकालिक रूप)

  • वजन कम होना
  • लंबे समय तक बुखार
  • जोड़ों में दर्द
  • लिवर और प्लीहा का बढ़ना

Melioidosis की पहचान (Diagnosis of Melioidosis)

  1. Blood Culture (रक्त संस्कृति)
  2. Sputum Culture (थूक परीक्षण)
  3. Urine Test
  4. Pus or Abscess Culture
  5. Chest X-ray / CT Scan
  6. PCR Test – बैक्टीरिया की पुष्टि

Melioidosis की पहचान मुश्किल हो सकती है क्योंकि इसके लक्षण Tuberculosis, Pneumonia और Sepsis से मिलते-जुलते हैं।

Melioidosis का इलाज (Treatment of Melioidosis)

Melioidosis का इलाज दो चरणों में किया जाता है:

1. Intensive Phase Treatment (प्रारंभिक गहन उपचार)

अस्पताल में 10–14 दिन तक:

  • Intravenous Ceftazidime
    या
  • Intravenous Meropenem

यह चरण संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

2. Eradication Phase Treatment (संक्रमण समाप्त करने का चरण)

3–6 महीने तक:

  • Oral Trimethoprim-Sulfamethoxazole
    या
  • Oral Doxycycline

यह चरण जरूरी है ताकि संक्रमण दोबारा न हो।

Melioidosis रोकथाम (Prevention)

  • मिट्टी और पानी से कम संपर्क रखना
  • खेत या बारिश वाले क्षेत्र में जूते पहनना
  • घाव को ढककर रखना
  • दूषित पानी न पीना
  • Diabetes और अन्य बीमारियों को नियंत्रित रखना
  • बाढ़ और वर्षा में अनावश्यक रूप से गंदे पानी से दूर रहना

घरेलू उपाय (Home Remedies)

Melioidosis का इलाज केवल एंटीबायोटिक्स से ही संभव है।
घरेलू उपाय सिर्फ सहायक हो सकते हैं:

  • पर्याप्त पानी पीना
  • पोषणयुक्त भोजन लेना
  • बुखार में आराम करना
  • प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने के लिए हेल्दी डाइट
  • घाव को साफ रखना

सावधानियाँ (Precautions)

  • किसी भी प्रकार की लगातार खांसी, बुखार या घाव में पस होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
  • मधुमेह वाले मरीज विशेष सावधानी रखें
  • एंटीबायोटिक कोर्स अधूरा न छोड़ें
  • गंभीर लक्षणों में स्वयं दवा न लें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. क्या Melioidosis संक्रामक है?
व्यक्ति से व्यक्ति में यह संक्रमण आमतौर पर नहीं फैलता।

2. क्या यह जानलेवा हो सकता है?
हाँ, समय पर इलाज न मिलने पर Sepsis और organ failure हो सकता है।

3. क्या यह दोबारा हो सकता है?
हाँ, यदि eradication therapy पूरी न हो।

4. क्या Melioidosis के लक्षण TB जैसे होते हैं?
हाँ, खासकर chronic melioidosis में TB जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Melioidosis एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य संक्रमण है।
समय पर पहचान, सही एंटीबायोटिक उपचार और सावधानियाँ अपनाकर इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
जिन लोगों का काम मिट्टी, पानी और खेतों से जुड़ा है, उन्हें विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
Diabetes या कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोग इस संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील हैं, इसलिए उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।


Post a Comment (0)
Previous Post Next Post