Presbycusis (प्रेस्बिकसिस) उम्र बढ़ने के साथ होने वाली सुनने की समस्या है।
यह age-related hearing loss कहलाती है और आमतौर पर दोनों कानों में धीरे-धीरे होती है।
Presbycusis मुख्य रूप से कर्ण (ear) की आंतरिक संरचना और सुनने की नसों (auditory nerve) के उम्र-संबंधित बदलाव के कारण होती है।
यह समस्या सामान्य रूप से 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन प्रारंभिक लक्षण 40-50 साल की उम्र में भी दिखाई दे सकते हैं।
प्रेस्बिकसिस क्या है? (What is Presbycusis)
Presbycusis वह स्थिति है जिसमें उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है, खासकर उच्च ध्वनियों (high-frequency sounds) में।
मुख्य विशेषताएँ:
- दोनों कान प्रभावित होते हैं
- आवाज़ों को समझना मुश्किल हो जाता है
- शोर-गुल वाले वातावरण में सुनने में परेशानी
- सुनने की समस्या लगातार बढ़ती रहती है
प्रेस्बिकसिस के कारण (Causes of Presbycusis)
1. उम्र के साथ बदलाव (Age-related changes)
- आंतरिक कान की hair cells और auditory nerve धीमे होने लगते हैं
2. आनुवंशिकी (Genetic factors)
- परिवार में उम्र संबंधी सुनने की समस्या का इतिहास
3. लंबे समय तक शोर के संपर्क (Long-term noise exposure)
- उच्च ध्वनि वाले वातावरण में वर्षों तक काम करना
4. स्वास्थ्य स्थितियाँ (Medical conditions)
- हृदय रोग (Cardiovascular disease)
- डायबिटीज (Diabetes)
- उच्च रक्तचाप (Hypertension)
5. दवा और रसायन (Medications & toxins)
- कुछ दवाएँ (ototoxic drugs) जैसे certain antibiotics, chemotherapy drugs
प्रेस्बिकसिस के लक्षण (Symptoms of Presbycusis)
- धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होना (Gradual hearing loss)
- उच्च आवाज़ें सुनने में कठिनाई (Difficulty hearing high-frequency sounds)
- शोर में बातचीत समझना मुश्किल (Difficulty understanding speech in noise)
- टेलीविजन या रेडियो की आवाज़ ज्यादा बढ़ाना (Increasing volume)
- कान में घंटी या शोर (Tinnitus / ringing in ears)
- सामाजिक दूरी महसूस करना (Withdrawal from social situations)
प्रेस्बिकसिस कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Presbycusis)
1. शारीरिक और कान की जांच (Physical & Ear Examination)
- ENT (Ear, Nose, Throat) विशेषज्ञ द्वारा
2. ऑडियोग्राम (Audiogram)
- सुनने की क्षमता की जांच और hearing loss का स्तर पता करने के लिए
3. स्पीच टेस्ट (Speech Recognition Test)
- बातचीत को समझने की क्षमता मापने के लिए
4. मेडिकल हिस्ट्री (Medical History)
- परिवार में hearing loss, दवा और health conditions
प्रेस्बिकसिस का इलाज (Treatment of Presbycusis)
Presbycusis को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन लक्षणों में सुधार और जीवन गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।
1. हियरिंग एड (Hearing Aids)
- सुनने की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है
2. कोहलींग (Cochlear Implants)
- गंभीर मामलों में, जब हियरिंग एड पर्याप्त नहीं हो
3. सुनने की तकनीक (Assistive Listening Devices)
- टेलीफोन, टीवी और सार्वजनिक स्थानों के लिए
4. जीवनशैली सुधार (Lifestyle changes)
- शोर से बचाव
- स्वास्थ्य पर ध्यान
- नियमित check-up
5. दवा उपचार (Medications)
- Tinnitus के लिए symptomatic treatment
प्रेस्बिकसिस कैसे रोके? (Prevention of Presbycusis)
- तेज आवाज़ से बचें
- ईयर प्रोटेक्शन (Ear protection) का उपयोग करें
- नियमित हेल्थ चेकअप
- हृदय और डायबिटीज नियंत्रित रखें
- धूम्रपान और शराब से बचें
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- कान में पानी या ऑयल डालने से बचें
- टेलीविजन और रेडियो की आवाज़ नियंत्रित रखें
- कान की नियमित सफाई, लेकिन डॉक्टर की सलाह से
- हल्के व्यायाम और पर्याप्त नींद
ध्यान दें: घरेलू उपाय सुनने की क्षमता नहीं बढ़ा सकते, केवल कान की सुरक्षा में मदद करते हैं।
सावधानियाँ (Precautions)
- तेज शोर में लंबे समय तक न रहें
- कान में दर्द, discharge या अचानक hearing loss पर तुरंत ENT से मिलें
- खुद से दवा या हियरिंग एड का प्रयोग न करें
- नियमित audiologist visit
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. क्या प्रेस्बिकसिस उम्र बढ़ने का सामान्य हिस्सा है?
हाँ, यह उम्र बढ़ने के साथ होने वाली सामान्य सुनने की कमी है।
2. क्या हियरिंग एड मदद करता है?
हाँ, सुनने की क्षमता बढ़ाने और जीवन गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है।
3. क्या यह केवल बड़ों में होता है?
अधिकतर उम्र 60+ में, लेकिन 40-50 साल में भी शुरू हो सकता है।
4. क्या प्रेस्बिकसिस reversible है?
नहीं, पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता, लेकिन हियरिंग एड और तकनीकी मदद से प्रबंधित किया जा सकता है।
5. क्या टिनिटस हमेशा होता है?
नहीं, यह अक्सर सुनने की कमी के साथ जुड़ा होता है, लेकिन सभी में नहीं होता।
निष्कर्ष (Conclusion)
Presbycusis (प्रेस्बिकसिस) उम्र बढ़ने के कारण सुनने की क्षमता में धीरे-धीरे होने वाली कमी है।
समय पर पहचान, हियरिंग एड का प्रयोग, जीवनशैली सुधार और नियमित check-up से जीवन की गुणवत्ता बनाए रखी जा सकती है।
सुनने की समस्या को अनदेखा करने से सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।