Mesothelioma (मेज़ोथेलियोमा) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर कैंसर (Cancer) है जो Mesothelium नामक पतली झिल्लियों में विकसित होता है। यह मुख्यतः Asbestos exposure (एस्बेस्टस के संपर्क) के कारण होता है।
Mesothelium शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों की बाहरी परत को कवर करता है, जैसे
- फेफड़े (Lungs)
- पेट (Abdomen)
- हृदय (Heart)
Mesothelioma धीरे-धीरे विकसित होने वाला कैंसर है और अक्सर देर से पहचान में आता है।
Mesothelioma क्या होता है? (What is Mesothelioma)
यह कैंसर तब होता है जब Mesothelial cells एस्बेस्टस फाइबर की वजह से क्षतिग्रस्त होकर अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।
इसके चार मुख्य प्रकार हैं:
1. Pleural Mesothelioma (प्लूरल मेज़ोथेलियोमा)
- फेफड़ों के आसपास की झिल्ली में
- सबसे आम प्रकार
2. Peritoneal Mesothelioma (पेरिटोनियल मेज़ोथेलियोमा)
- पेट की झिल्ली में
3. Pericardial Mesothelioma (पेरिकार्डियल मेज़ोथेलियोमा)
- हृदय की झिल्ली में
4. Testicular Mesothelioma (टेस्टिकुलर मेज़ोथेलियोमा)
- बहुत दुर्लभ
- टेस्टिस की बाहरी परत में
Mesothelioma के कारण (Causes)
1. Asbestos Exposure (एस्बेस्टस के संपर्क में आना)
सबसे प्रमुख कारण। ये पदार्थ पाया जाता है:
- पुरानी बिल्डिंग्स
- फैक्ट्री
- निर्माण (Construction)
- शिपयार्ड
- पाइप इंसुलेशन
एस्बेस्टस के महीन फाइबर शरीर के अंदर जाकर वर्षों तक जमा रहते हैं और कैंसर पैदा करते हैं।
अन्य संभावित कारण
- Radiation exposure
- SV40 virus (कम प्रमाण)
- Genetic mutation
- Smoking (कैंसर का जोखिम बढ़ाता है, लेकिन सीधा कारण नहीं)
Mesothelioma के लक्षण (Symptoms)
Pleural Mesothelioma Symptoms
- सांस लेने में कठिनाई
- सीने में दर्द
- लगातार खांसी
- वजन में कमी
- Pleural effusion (फेफड़ों के आसपास तरल)
Peritoneal Mesothelioma Symptoms
- पेट में सूजन
- पेट दर्द
- मतली
- वजन कम होना
- दस्त या कब्ज
Pericardial Mesothelioma Symptoms
- सीने में दर्द
- धड़कन तेज होना
- सांस फूलना
Testicular Mesothelioma Symptoms
- टेस्टिस में सूजन या गांठ
- दर्द
Mesothelioma की पहचान (Diagnosis)
1. Imaging Tests
- X-ray
- CT Scan
- MRI
- PET Scan
2. Biopsy (बायोप्सी)
सबसे निर्णायक टेस्ट।
कैंसर कोशिकाओं की पुष्टि करता है।
3. Blood Tests
- Biomarkers (जैसे Mesothelin)
4. Thoracoscopy / Laparoscopy
झिल्ली का अंदर से निरीक्षण और biopsy।
Mesothelioma का इलाज (Treatment)
इलाज का चयन ट्यूमर के प्रकार, स्टेज और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है।
1. Surgery (सर्जरी)
- Tumor removal
- Pleurectomy
- Extrapleural pneumonectomy
2. Chemotherapy (कीमोथेरेपी)
- Pemetrexed + Cisplatin
कैंसर की वृद्धि को धीमा करता है।
3. Radiation Therapy (रेडिएशन)
- दर्द कम करने और ट्यूमर सिकोड़ने के लिए
4. Immunotherapy
- Nivolumab
- Pembrolizumab
कई मरीजों में अच्छे परिणाम देखे जाते हैं।
5. Palliative Treatment
- सांस की तकलीफ कम करना
- दर्द नियंत्रित करना
- जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाना
Mesothelioma रोकथाम (Prevention)
- एस्बेस्टस के संपर्क से बचें
- पुरानी बिल्डिंगों में काम करते समय सुरक्षा उपकरण पहनें
- Construction sites पर respirators का उपयोग
- Smoking छोड़ दें
- Occupational safety guidelines का पालन
घरेलू उपाय (Home Remedies / Supportive Care)
ये इलाज नहीं हैं, लेकिन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- हल्का और पौष्टिक आहार
- गर्म पानी की सेंक
- Deep breathing exercises
- आरामदायक नींद
- हल्की फिजिकल activity
- दर्द या सांस की तकलीफ में प्राणायाम (डॉक्टर की सलाह से)
सावधानियाँ (Precautions)
- लगातार छाती या पेट दर्द को नजरअंदाज न करें
- एस्बेस्टस वाले क्षेत्रों में बिना सुरक्षा उपकरण न जाएं
- Smoking न करें
- हार्ट और फेफड़ों की नियमित जांच करवाएँ
- कीमोथेरेपी के दौरान डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. Mesothelioma क्या पूरी तरह ठीक हो सकता है?
आमतौर पर यह पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन शुरुआती पहचान और आधुनिक उपचार जीवनकाल बढ़ा सकते हैं।
2. क्या यह फेफड़ों का कैंसर है?
नहीं, यह mesothelial lining का कैंसर है, फेफड़ों का कैंसर नहीं।
3. क्या Mesothelioma फैल सकता है?
हाँ, यह लिम्फ नोड्स, फेफड़ों, पेट या अन्य अंगों में फैल सकता है।
4. क्या यह संक्रमण (Infection) है?
नहीं, यह कैंसर है और संक्रामक नहीं होता।
5. Mesothelioma किन लोगों में ज्यादा होता है?
- एस्बेस्टस फैक्ट्री वर्कर
- निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले
- शिपयार्ड वर्कर
- 60 वर्ष से ऊपर उम्र के लोग
निष्कर्ष (Conclusion)
Mesothelioma एक गंभीर और दुर्लभ कैंसर है जो मुख्यतः एस्बेस्टस के संपर्क के कारण होता है।
शुरुआती स्टेज में यह पहचानना कठिन होता है, इसलिए जोखिम वाले लोगों को नियमित जांच करवाते रहना चाहिए।
सर्जरी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और पेलिएटिव केयर के साथ रोगी की जीवन-गुणवत्ता और जीवनकाल में सुधार लाया जा सकता है।